वाशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस बार सब कुछ अजीबोगरीब हो रहा है. पहले तो रिपब्लिकन नेताओं के विरोध के वावजूद डोनाल्ड ट्रंप आकर छा गए और अब ट्रंप के साथ लाइव बहस प्लान करके बर्नी सैंडर्स डेमोक्रेट टिकट हथियाने की होड़ में हिलेरी क्लिंटन को किनारा लगाने की चाल चल चुके हैं.
अमेरिका में दोनों प्रमुख पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनाव से पहले देश और दुनिया के तमाम मसलों पर आमने-सामने बहस करते आए हैं लेकिन ट्रंप और सैंडर्स अगर बहस करते हैं तो ऐसा पहली बार होगा कि दोनों पार्टी से टिकट के उम्मीदवार नेता आपस में बहस करेंगे.
ट्रंप बोले, बहस को तैयार हूं लेकिन 10-15 मिलियन डॉलर की चैरिटी निकले
रिपब्लिकन पार्टी के कन्फर्म कैंडिडेट ट्रंप अगर डेमोक्रेटिक टिकट के प्रत्याशी सैंडर्स से बहस करते हैं तो शायद इस बहस के बाद सैंडर्स को आने वाले प्राइमरी चुनावों में हिलेरी से ज्यादा वोट मिल जाए और इस समय टिकट कन्फर्म होने के लिए जरूरी वोट से बमुश्किल 74 वोट पीछे रह गईं हिलेरी क्लिंटन से वो अपनी शिकस्त का फासला कुछ और कम कर लें.
बुधवार की रात एक टीवी शो पर ट्रंप से होस्ट ने जब ये पूछा कि क्या वो सैंडर्स के साथ खुली बहस के लिए तैयार हैं तो ट्रंप ने सकारात्मक जवाब दिया. गुरुवार को ट्रंप ने फिर कहा कि वो सैंडर्स के साथ बहस के लिए तैयार हैं लेकिन ये बहस बड़े ऑडियंस के बीच हो और उससे कम से कम 10-15 मिलियन डॉलर की चैरिटी निकलनी चाहिए.
डेमोक्रेटिक प्राइमरी में हिलेरी से बहुत बड़े मार्जिन से पीछे चल रहे बर्नी सैंडर्स ने तुरंत मौके का फायदा उठाया और ट्विटर पर लिखा कि वो तैयार हैं और 7 जून से पहले कैलिफॉर्निया में ट्रंप के साथ बहस का इंतजार करेंगे. सैंडर्स ने एक और ट्वीट करके ये भी कहा कि ये बहस बड़े से बड़े स्टेडियम में होनी चाहिए.
उम्मीदवार बनने से कुछ वोट दूर हैं हिलेरी, सैंडर्स बस हार का मार्जिन कम कर पाएंगे
अब अगर ट्रंप और सैंडर्स लाइव बहस करेंगे तो जाहिर तौर पर चुनाव के मुद्दों पर दोनों पार्टी की तरफ से पहली सीधी तकरार यही होगी जिसे पूरा अमेरिका और अमेरिका के बाहर के लोग भी बड़े गौर से देखेंगे और सुनेंगे.
हिलेरी पार्टी उम्मीदवार बनने से बस कुछ ही वोट दूर हैं लेकिन ये बहस सैंडर्स की रेटिंग चमका देगी और यही वजह है कि सैंडर्स चाहते हैं कि 7 जून से पहले ये बहस हो जाए ताकि 7 जून को प्राइमरी चुनावों के ज्यादातर वोट झटककर वो हिलेरी से अपनी मार्जिन को ज्यादा से ज्यादा कम कर लें.
हिलेरी क्लिंटन के प्रचार अभियान पर पर्सनल ई-मेल सर्वर रिपोर्ट का गहरा साया
बराक ओबामा की विदेश मंत्री रहते पर्सनल ई-मेल सर्वर से सीक्रेट और टॉप सीक्रेट बातें करने को लेकर विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद हिलेरी संकट में हैं और अगर एफबीआई उन्हें इस मामले में दोषी मानते हुए मुकदमा चलाती है तो उसी वक्त वो अपनी दावेदारी गंवा देंगी.
हिलेरी के लिए राहत की बात ये है कि एक्सपर्ट्स पर्सनल ई-मेल सर्वर पर काम करने को गलत तरीका बता रहे हैं लेकिन गैर-कानूनी नहीं. इसका मतलब ये है कि एफबीआई की जांच खत्म होने के बाद भी इस मामले में हिलेरी पर कोई मुकदमा शायद चले ही नहीं.
लेकिन हिलेरी के खिलाफ ये ई-मेल सर्वर कांड राजनीतिक रूप से बहुत बड़ा मसला बन गया है. ट्रंप लगातार इस मामले को उठा रहे हैं और अगर हिलेरी राष्ट्रपति की रेस में औपचारिक कैंडिडेट बनकर उतरती हैं तो ट्रंप के पास हिलेरी के खिलाफ ये बड़ा मुद्दा होगा जिसका खामियाजा हिलेरी को वोट गणित में उठाना पड़ सकता है.
बर्नी सैंडर्स बोले, डोनाल्ड ट्रंप को हराना है तो पहले हिलेरी क्लिंटन को रोको
यही वजह है कि बर्नी सैंडर्स की टीम ने नारा दे दिया है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप को हराना है तो सबसे पहले हिलेरी को रोको. सैंडर्स की टीम इस बात को जोर-शोर से उठा रही है कि अगर हिलेरी को टिकट मिल जाता है तो ट्रंप उनके विवादों को इतनी तूल देंगे कि हिलेरी डेमोक्रेटिक पार्टी को ये चुनाव नहीं जिता पाएंगी.
एफबीआई अगर हिलेरी पर मुकदमा चलाती है तो वो चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएंगी और उस हालत में डेमोक्रेटिक पार्टी को बीच चुनाव में दूसरा कैंडिडेट उतारना पड़ेगा. ये एक काल्पनिक स्थिति है लेकिन अगर ऐसा होता है तो ये जरूरी नहीं है कि वो उम्मीदवार सैंडर्स ही होंगे या वो नहीं ही होंगे.
पार्टी उपराष्ट्रपति कैंडिडेट को भी राष्ट्रपति का उम्मीदवार बना सकती है या किसी नए नेता को इस पद के लिए उतार सकती है. फिलहाल हिलेरी से बहुत पीछे चल रहे सैंडर्स के समर्थक ऊपर वाले से यही मना रहे हैं कि हिलेरी पर एफबीआई मुकदमा चला दे और उनके नेता का रास्ता साफ हो जाए.
ट्रंप को जरूरत से 2 ज्यादा वोट आ चुके हैं, हिलेरी अब मात्र 74 वोट पीछे
राष्ट्रपति चुनाव में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार बनने के लिए अमेरिका के 50 राज्यों में चल रहे प्राइमरी चुनावों के अब तक के नतीजों से जहां रिपब्लिकन पार्टी से डोनाल्ड ट्रंप का टिकट कन्फर्म हो चुका है वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी में हिलेरी क्लिंटन और बर्नी सैंडर्स के बीच होड़ चल रही है.
ट्रंप को आधिकारिक उम्मीदवार बनने के लिए 1237 डेलीगेट्स का सपोर्ट चाहिए जबकि वो 1239 हासिल कर चुके हैं. अभी भी कुछ राज्यों के प्राइमरी चुनाव बाकी हैं जहां 334 वोट बचे हुए हैं और उम्मीद यही है कि ज्यादातर वोट अब ट्रंप को ही जाएंगे क्योंकि रेस में कोई दूसरा उम्मीदवार बचा ही नहीं है.
डेमोक्रेटिक पार्टी में राष्ट्रपति चुनाव का टिकट लेने के लिए पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी और बराक ओबामा सरकार में विदेश मंत्री रह चुकीं हिलेरी क्लिंटन और सीनेटर बर्नी सैंडर्स रेस में हैं. हिलेरी इस वक्त तक 2309 का सपोर्ट हासिल कर चुकी हैं और 74 और वोट जुटाते ही वो दावेदार से प्रत्याशित उम्मीदवार बन जाएंगी.
डेमोक्रेट कैंडिडेट बनने के लिए 2383 डेलीगेट्स का सपोर्ट चाहिए. सैंडर्स के हिस्से अभी तक मात्र 1539 डेलीगेट्स का वोट आया है. सैंडर्स की नज़र अब उन राज्यों पर हैं जहां प्राइमरी चुनाव बाकी हैं. इन चुनावों में 917 वोटों का फैसला होगा. 7 जून को होने वाली प्राइमरी में कैलिफॉर्निया सबसे बड़ा राज्य है जहां बचे हुए 917 में से 475 डेलीगेट्स के वोट आएंगे.
(अंशुल राणा आईआईएमसी से रेडियो और टीवी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा करने के बाद कई समाचार चैनलों और अंतराष्ट्रीय अखबारों में काम करने के बाद फिलहाल जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में विजिटिंग रिसर्च एसोसिएट और वर्ल्ड बैंक में सलाहकार हैं.)