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Triple Talaq Bill: तीन तलाक बिल पर 4.30 बजे शुरू होगी बहस, कांग्रेस की मांग- सलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए बिल

ट्रिपल तलाक बिल पर राज्यसभा में एक बार फिर गुरुवार शाम साढ़े चार बजे बहस शुरू होगी. माना जा रहा है कि देर शाम तक तीन तलाक बिल पर बहस चलेगी. केंद्र सरकार ने लोकसभा में तो यह बिल आसानी से पास करवा लिया लेकिन राज्यसभा में इसे पास कराने में मोदी सरकार को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. लोकसभा में कांग्रेस ने इस बिल का समर्थन किया था लेकिन राज्यसभा में कांग्रेस इस बिल का विरोध कर रही है. माना जा रहा है कि कांग्रेस समान विचारधारा वाले दूसरे दलों और लेफ्ट पार्टियों को नाराज नहीं करना चाहती, इसी वजह से कांग्रेस राज्यसभा में इस बिल का विरोध कर रही है.

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Triple Talaq Bill in Rajya Sabha
  • January 4, 2018 2:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः तीन तलाक बिल पर राज्यसभा में एक बार फिर गुरुवार शाम साढ़े चार बजे बहस शुरू होगी. माना जा रहा है कि देर शाम तक ट्रिपल तलाक बिल पर बहस चलेगी. केंद्र सरकार ने लोकसभा में तो यह बिल आसानी से पास करवा लिया लेकिन राज्यसभा में इसे पास कराने में मोदी सरकार को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. लोकसभा में कांग्रेस ने इस बिल का समर्थन किया था लेकिन राज्यसभा में कांग्रेस इस बिल का विरोध कर रही है. माना जा रहा है कि कांग्रेस समान विचारधारा वाले दूसरे दलों और लेफ्ट पार्टियों को नाराज नहीं करना चाहती, इसी वजह से कांग्रेस राज्यसभा में इस बिल का विरोध कर रही है.

बुधवार को मोदी सरकार ने राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पेश किया लेकिन बिल पर मचे भारी हंगामे के बीच राज्यसभा को स्थगित कर दिया गया. लोकसभा में इस बिल पर मोदी सरकार का साथ देने वाली कांग्रेस ने जब राज्यसभा में विपक्षी दलों के साथ मोदी सरकार को आंकड़ों की ताकत दिखाई तो केंद्र सरकार बैकफुट पर आ गई. कांग्रेस की मांग है कि इस बिल को सदन में पेश करने से पहले सलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए लेकिन केंद्र सरकार उनकी इस मांग के जरा भी पक्ष में नहीं है. दरअसल कांग्रेस का कहना है कि सरकार के प्रस्तावित बिल में तमाम खामियां हैं, जिन्हें दूर करने के लिए यह बिल पहले सलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए.

वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि बिल सोच-समझकर तैयार किया गया है और इसमें संशोधन की जरा भी गुंजाइश नहीं है. बुधवार को राज्यसभा में बिल पर बहस के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अप्रत्यक्ष तरीके से तीन तलाक बिल का विरोध कर रही है. वह इस पर सुझाव दे सकते थे लेकिन वह सिर्फ इसे टालने में लगे हैं. जेटली ने कहा था, ‘आज संसद के लिए एक सुनहरा मौका था कि वर्षों से मुस्लिम महिलाओं के साथ जो अन्याय हो रहा है उसे ठीक किया जाए, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं होने दिया. देश के लोगों की जो इच्छा है वह होकर रहेगी.’ चर्चा के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम महिलाओं के विरोध में खड़ी नजर आ रही है.

बताते चलें कि केंद्र सरकार के पास ट्रिपल तलाक बिल को पास कराने के लिए सिर्फ दो दिनों का समय बचा है. संसद का शीतकालीन सत्र 5 जनवरी को खत्म हो रहा है. मोदी सरकार के पास राज्यसभा में संख्याबल नहीं है और इसी बात का फायदा उठाकर विपक्ष की अगुवाई कर रही कांग्रेस इस बिल में संशोधन की मांग करते हुए इसे सलेक्ट कमेटी के पास भेजने की बात कह रही है. इस सत्र में केंद्र सरकार को जरूरी जीएसटी संशोधन बिल भी पास कराना है, जो लोकसभा में पास हो चुका है. बताते चलें कि किसी भी बिल का दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में पास होना जरूरी होता है. दोनों सदनों से पास होने के बाद उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद वह विधेयक कानून की शक्ल अख्तियार कर लेता है.

 

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