बजरंग दल के शस्त्र ट्रेनिंग कैंप पर तत्काल लगे प्रतिबंध: मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने आरएसएस. के सहयोगी संगठन बजरंग दल द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में 'शस्त्र ट्रेनिंग शिविर' चलाने की निंदा की. मायावती ने कहा कि ऐसे भड़काऊ, घोर सांप्रदायिक व गैर-कानूनी मामलों में भी प्रदेश की सपा सरकार की निष्क्रियता यह साबित करती है कि उत्तर प्रदेश में वह बीजेपी से मिलकर दंगा भड़काना चाहती है और फिर उसका चुनावी लाभ लेना चाहती है.

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बजरंग दल के शस्त्र ट्रेनिंग कैंप पर तत्काल लगे प्रतिबंध: मायावती

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  • May 27, 2016 5:12 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने आरएसएस. के सहयोगी संगठन बजरंग दल द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में ‘शस्त्र ट्रेनिंग शिविर’ चलाने की निंदा की. मायावती ने कहा कि ऐसे भड़काऊ, घोर सांप्रदायिक व गैर-कानूनी मामलों में भी प्रदेश की सपा सरकार की निष्क्रियता यह साबित करती है कि उत्तर प्रदेश में वह बीजेपी से मिलकर दंगा भड़काना चाहती है और फिर उसका चुनावी लाभ लेना चाहती है.
 
‘सपा सरकार तत्काल प्रतिबंध लगाए’
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन गैर-कानूनी हैं, जिसके संबंध में उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को तत्काल प्रतिबंध लगाना चाहिए और इसका उल्लंघन करने वालों पर पुलिस को सख्त कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया जाना चाहिए.
 
‘BJP सरकार से कोई उम्मीद नहीं’
मायावती ने कहा कि इस प्रकार के अति-संवेदनशील मामलों में केंद्र की बीजेपी सरकार से कोई कार्रवाई करने की उम्मीद तो नहीं ही की जा सकती है, लेकिन खासकर सपा सरकार उत्तर प्रदेश में बजरंग दल के लोगों को इस प्रकार के ‘शस्त्र ट्रेनिंग कैंप’ आयोजित करने देगी ऐसी उम्मीद भी लोगों ने नहीं की होगी. 
 
बजरंग दल के खिलाफ हो कानूनी कार्रवाई
मायावती ने कहा कि जबकि सपा सरकार को यह चाहिए था कि वह बजरंग दल द्वारा आयोजित किए गए ‘शस्त्र ट्रेनिंग कैंपों’ पर बिना कोई देरी किए हुए प्रतिबंध लगाती, साथ ही इसका आयोजन करने वाले मुख्य लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी, जो अभी तक भी नहीं की गई है.
 
‘राज्यपाल का बयान अति-चिंताजनक’
मायावती ने कहा कि सरकार को अपने खुफिया तंत्र एवं पुलिस व प्रशासन को भी चुस्त व दुरुस्त करना चाहिए, ताकि इस किस्म के गलत कामों को आगे न बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि इस मामले में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक द्वारा दिया गया बयान अति-चिंताजनक है. इस संबंध में राज्यपाल को संविधान की मर्यादा के दायरे में रहकर काम करना चाहिए.

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