महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में नए साल पर दलित 200वां शौर्य दिवस मनाने पहुंचे थे. यहां दलितों की गाड़ियों पर भगवा झंडा लिए लोगों ने हमला कर दिया था. इसमें 40 से ज्यादा गाड़ियां तोड़ दी गईं और आगजनी भी की गई. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. लेकिन सोमवार को अपने ऊपर हुए हमले के विरोध में दलित संगठनों ने मंगलवार को महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया था. जिसकी वजह से आज कई जगहों पर रेल, बस स्कूल और दफ्तर बंद रहे.
मुंबई. महाराष्ट्र के कोरेगांव में ‘शौर्य दिवस’ मना रहे दलितों पर भगवा ब्रिगेड के हमले के बाद मंगलवार को राज्य में तनाव की स्थिति बन गई है. हिंसा के विरोध में दलितों ने सोमवार को ही महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया था जिसका असर राज्य के कई इलाकों में नजर आ रहा है. मुंबई से शिरडी तक कई दलित संगठन सड़कों पर नजर आए. सोमवार की घटना के विरोध में दलितों ने राज्य के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया. इसके चलते मुंबई में कई जगह दफ्तर बंद हैं, स्कूलों की छुट्टी कर दी गई और रेल के भी कई रूट बंद कर दिए गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे को भी जाम कर दिया बाद में पुलिस ने दोपहर बाद यहां यातायात सुचारू कराया. वहीं औरंगाबाद नवी मुंबई को जोड़ने वाली हार्बर लाइल ठप कर दी गई. अभी मामला शांत होने की उम्मीद नहीं है. माना जा रहा है कि बुधवार को भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर सकते हैं. हालांकि पुलिस बल मामले को शांत कराने की पूरी कोशिश कर रहा है.
दरअसल, सोमवार को कोरेगांव में शौर्य दिवस मनाने आए दलितों पर भगवा झंडा लिए लोगों के दल ने हमला कर दिया था. उन्होंने शौर्य दिवस कार्यक्रम में आए लोगों की गाड़ियां पत्थर बरसाकर तोड़ दी थीं और कई जगह आगजनी की थी. इस हिंसा में नांदेड़ के 28 वर्षीय युवक राहुल फटांडले की मौत हो गई थी वहीं कई लोगों को चोटें आई थीं. इसके बाद पुलिस ने मामला शांत करने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब नजर आई.
हिंसा के लिए दक्षिणपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. इस घटना पर कांग्रेस ने बीजेपी और संघ पर संगीन आरोप लगाए. मुंबई कांग्रेस के डॉ. राजू वाघमारे ने कहा कि दलितों के कार्यक्रम पर हमला करने की उनकी पहले से प्लानिंग थी. आरएसएस के कुछ लोग यहां हिंसा भड़काने के लिए लंबे समय से तैयारी कर रहे थे. पेशवाओं की ड्योढ़ी शनिवारवाड़ा में दलितों के प्रदर्शन करने को लेकर दक्षिणपंथी संगठनों को सबसे ज्यादा आपत्ति थी. इसे लेकर वे पहले से ही प्रशासन से गुहार लगा चुके थे कि पेशवाओं की ड्योढ़ी शनिवार वाड़ा में दलितों को कार्यक्रम करने की अऩुमति न मिले.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि यहां लोग पहले से ही शौर्य दिवस मनाते आए हैं. लेकिन भीमा कोरेगांव के इतिहास में ऐसी घटना कभी नहीं हुई. कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने यहां की फिजा को बिगाड़ दिया है. प्रशासन को जानकारी थी कि 200वीं सालगिरह होने पर ज्यादा लोग पहुंचेंगे, इसके बावजूद प्रशासन तैयारी नहीं कर पाया और आगे जो हुआ वह बेहद निराशाजनक है. मामले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कोरेगांव हिंसा की न्यायिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी जाएगी. युवाओं की मौत के मामले में सीआईडी जांच करेगी, और मृतकों के परिवार को 10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा.
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— Imran Solanki (@imransolanki313) January 2, 2018
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— Virendra (@vierendra) January 2, 2018
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— Zaalima (@BombayVintage_) January 2, 2018
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— jitendrajain (@jitendrajain) January 2, 2018
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— Sujit Mohan (@sujitmohan88) January 2, 2018
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— Nirav Sanghavi (@nirav) January 2, 2018
Situation now. #Chembur #Mumbai pic.twitter.com/rGdoBz3yu5
— Nirav Sanghavi (@nirav) January 2, 2018