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असमः NRC के ड्राफ्ट में 1.9 करोड़ लोगों की नागरिकता पर पक्की मुहर, लिस्ट में नहीं था कैब ड्राइवर का नाम तो कर ली खुदकुशी

असम सरकार ने रविवार रात को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) का पहला ड्राफ्ट जारी किया है. NRC की पहली लिस्ट में 1.9 करोड़ लोगों के नाम हैं यानी 1.9 करोड़ लोगों को वैध नागरिक के रूप में मान्यता दी गई है लेकिन शेष बचे 1.39 करोड़ लोगों का नाम इस लिस्ट में नहीं हैं, जिससे प्रदेश में तनाव का माहौल बन गया है.

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NCR
  • January 1, 2018 12:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

गुवाहाटी/दिसपुरः रविवार रात जब पूरा देश नए साल के स्वागत का जश्न मना रहा था, तब असम के लोग अपनी पहचान को लेकर उम्मीद और आशंका से भरे हुए बैठे थे. दरअसल असम सरकार ने रविवार रात को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) का पहला ड्राफ्ट जारी किया है. NRC की पहली लिस्ट में 1.9 करोड़ लोगों के नाम है यानी 1.9 करोड़ लोगों को वैध नागरिक के रूप में मान्यता दी गई है लेकिन शेष बचे 1.39 करोड़ लोगों का नाम इस लिस्ट में नहीं है, जिससे प्रदेश में तनाव का माहौल बन गया है. सूबे के संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की जा रही है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 31 दिसंबर को नागरिकता संबंधी पहला ड्राफ्ट जारी किया गया. NRC की नागरिकता संबंधी इस प्रक्रिया में कुल 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था, जिनमें से 1.9 करोड़ लोगों को ही भारत का वैध नागरिक माना गया है. भारत के रजिस्ट्रार जनरल ने बताया कि जिन लोगों का नाम इस लिस्ट में नहीं है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया, ‘यह ड्राफ्ट प्रक्रिया का पहला हिस्सा है, जिसमें अब तक 1.9 करोड़ लोगों के नाम पर वैध नागरिकता की मुहर लगाई गई है. शेष नामों की अलग-अलग स्तर पर जांच की जा रही हैं. जैसे ही सत्यापन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, एक और ड्राफ्ट जारी किया जाएगा.’

गौरतलब है कि राज्य में बांग्लादेशी नागरिकों की अधिकता से पैदा हुए संकट के बाद भारतीय नागरिकता सत्यापन के लिए आवेदन लेने की यह प्रक्रिया मई 2015 में शुरू की गई थी. वैसे यह प्रक्रिया साल 2005 में कांग्रेस शासन के दौरान शुरू की गई थी. केंद्र में बीजेपी सरकार के आते ही इसमें तेजी आई. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि 31 दिसंबर तक NRC इसका पहला मसौदा प्रकाशित करे. जिसके बाद NRC ने 31 दिसंबर की रात नागरिकता पहचान संबंधी ड्राफ्ट जारी कर दिया. रजिस्ट्रार जनरल ने बताया कि इस प्रक्रिया के दौरान उन्हें 68.27 लाख परिवारों से करीब 6.5 करोड़ दस्तावेज मिले थे. रजिस्ट्रार जनरल की मानें तो यह एक बेहद जटिल काम है. इस काम में समय लगा, हालांकि उन्होंने कहा कि इस साल यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. वहीं बिगड़ते माहौल को देखते हुए गृह मंत्रालय की ओर से भी राज्य में शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है. गृह मंत्रालय ने कहा है कि NRC की इस लिस्ट में जिन लोगों के नाम नहीं है, उन्हें फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्हें अपने पहचान संबंधी दस्तावेज साबित करने के लिए पर्याप्त अवसर दिए जाएंगे.

सोमवार को NRC की लिस्ट में नाम न होने की वजह से एक 40 वर्षीय कैब ड्राइवर ने सुसाइड कर लिया. मृतक की पहचान हनीफ खान के रूप में हुई. सिलचर के रहने वाले हनीफ का शव एक पेड़ से लटका हुआ मिला. हनीफ की पत्नी ने बताया कि वह NRC की लिस्ट को लेकर कई दिनों से तनाव में था. वह अक्सर अपनी पत्नी से कहा करता था कि अगर लिस्ट में हमारा नाम नहीं होगा तो क्या होगा?

 

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