संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावती को लेकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के सुझाव को लेकर पूर्व मेवाड़ राज परिवार के सदस्य अभी भी खुश नहीं है. सीबीएफसी ने निर्माताओं से 'घूमर' गाने में चरित्र के मुताबिक बदलाव करने की सिफारिश की है.
मुंबई. संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावती को लेकर सीबीएफसी के दिए सुझावों से पूर्व मेवाड़ राज परिवार के सदस्य खुश नहीं है. मेवाड़ शाही परिवार के वंशज अरविंद सिंह मेवार, जो सीबीएफसी समिति के सदस्य भी हैं, उन्होंने कहा कि समिति के तीनों सदस्यों ने गुरुवार को हुई बोर्ड मीटिंग में कथित तौर पर फिल्म में दिखाए कुछ सीन पर आपत्ति जताई है. अरविंद सिंह मेवार कहा, ‘मुझे नहीं पता कि सीबीएफसी ने फिल्म में कितने कट्स के बाद इसको रिलीज करने की मंजूरी दी है. फिल्म का पहले ही बहुत नुकसान हो चुका है, इसलिए फिल्म निर्माता और सीबीएफसी को इसके रिलीज होने के बाद के परिणामों के लिए तैयार रहना होगा.’
अरविंद सिंह के भतीजे विश्वराज सिंह ने सीबीएफसी की आलोचना की और कहा कि संजय लीला भंसाली की फिल्म का नाम ‘पद्मावती’से ‘पद्मावत’बदलने से तथ्य नहीं बदलेंगे. मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार सदस्य विश्वराज सिंह ने पद्मावती पर सीबीएफसी की क्लियरेंस पर सवाल उठाते हुए सेंसर चीफ प्रसून जोशी को लंबा चौड़ा ख़त भेजा है. विश्वराज सिंह ने पहले भी सेंसर की कार्य-प्रणाली पर सवाल उठाए थे.
बताते चलें कि श्री राजपूत करनी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह काल्वी ने कहा कि सीबीएफसी पैनल में शामिल कुल नौ सदस्यों में से छह सदस्यों ने अभी तक फिल्म नहीं देखी है. पैनल को फिल्म की समीक्षा के बाद तय करना था कि इसे सिनेमाघर में रिलीज किया जाना है या नहीं. गौरतलब है कि फिल्म पद्मावती शूटिंग के साथ ही विवादो के साये में रही है. पद्मावती में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर दिखाने की तैयारी में फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के साथ जयपुर में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने दुर्व्यवहार किया और शूटिंग स्थल पर जमकर तोड़फोड़ की गई थी.
विवादित फिल्म पद्मावती पर रोक लगाने की मांग को लेकर देश भर में पिछले दिनों जमकर प्रदर्शन हुए हैं. जिसके बाद फिल्म पदमावती के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी. मेकर्स पहले इस फिल्म को 12 दिसंबर को रिलीज करना चाहते थे..