युगल खिलाड़ियों को नजरअंदाज करने से भड़की युगल बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा

पोनप्पा और दूसरे युगल खिलाड़ियों ने इससे पहले भारतीय बैंडमिंटन संघ बीएआई द्वारा जूनियर राष्ट्रीय टूर्नामेंट के एकल विजेताओं को कार देने और युगल खिलाड़ियों को नजरअंदाज करने की अलोचना की थी. पोनप्पा ने प्रो-बैडमिंटन लीग से जुड़े कार्यक्रम के इतर कहा, 'जूनियर राष्ट्रीय में एकल विजेताओं को कार दी गई जबकि युगल मुकाबले के विजेता खाली हाथ रहे. ऐसे में एक खिलाड़ी के तौर पर आप क्या चुनेंगे, एकल या युगल?'

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युगल खिलाड़ियों को नजरअंदाज करने से भड़की युगल बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा

Aanchal Pandey

  • December 30, 2017 2:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः देश में युगल बैडमिंटन खिलाड़ियों के साथ सौतेले व्यवहार से नाखुश अश्विनी पोनप्पा ने कहा कि युवाओं को इस प्रारूप में खेलने के लिये प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है. ज्वाला गुट्टा के साथ 2011 विश्व चैम्पिनयनशिप में महिला युगल का कांस्य पदक जीतने वाली पोन्नप्पा ने कहा, ‘भारत ऐसा देश है जहां युगल मुकाबलों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता।.हमारे देश में एकल खिलाड़ी बहुत अच्छा कर रहे है लेकिन युगल खिलाड़ियों के लिये स्थिति बिल्कुल अलग है. उनके लिये प्रोत्साहन अलग है.’पोनप्पा ने कहा, ‘युगल खिलाड़ी के तौर पर आप परिस्थितियों के उलट काम कर रहे हैं, जहां अगर आप बहुत अच्छा करते हैं तब भी आपके प्रदर्शन पर ध्यान नहीं दिया जाता, आपको एकल खिलाड़ियों की तरह प्रायोजक नहीं मिलते इसीलिये युवा युगल की जगह एकल खेल को चुनते हैं.’

पोनप्पा और दूसरे युगल खिलाड़ियों ने इससे पहले भारतीय बैंडमिंटन संघ बीएआई द्वारा जूनियर राष्ट्रीय टूर्नामेंट के एकल विजेताओं को कार देने और युगल खिलाड़ियों को नजरअंदाज करने की अलोचना की थी. पोनप्पा ने प्रो-बैडमिंटन लीग स जुड़े कार्यक्रम के इतर कहा, ‘जूनियर राष्ट्रीय में एकल विजेताओं को कार दी गई जबकि युगल मुकाबले के विजेता खाली हाथ रहे. ऐसे में एक खिलाड़ी के तौर पर आप क्या चुनेंगे, एकल या युगल?’ उन्होंने कहा, ‘भारत में सारा ध्यान एकल पर दिया जाता हैं और युगल मुकाबलों को तव्वजों नहीं दी जाती, आपका अंतिम उपाय… अगर एकल में चीजें ठीक नहीं चल रहीं होती तब आप युगल का रूख करते है.’उन्होंने कहा, ‘जब आप चीन, कोरिया और जापान को देखेगें तो वहां कम से कम पांच खिलाड़ी वैश्विक स्तर पर अच्छा कर रहे होते हैं. राष्ट्रमंडल खेल 2010 में स्वर्ण पदक जीतने वाली इस खिलाड़ी ने कहा, ‘भारत के उलट दूसरे देशों में युगल खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जाता है. वहां खिलाड़ी युगल मुकाबले को आखिरी उपाय की तरह नहीं लेते हैं बल्कि वह उनके लिये पहली पसंद की तरह होता है.

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