‘मन की बात’ में मोदी बोले, पानी-जंगल बचाना सबकी जिम्मेदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 20 वें संस्करण में जनता से बढ़ती गर्मी को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि गर्मी लगातार बढ़ती ही जा रही है, जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. मोदी ने पर्यावरण की समस्या पर बात करते हुए कहा कि धरती को, प्रकृति को बचाना है तो हम सबको अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी.

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‘मन की बात’ में मोदी बोले, पानी-जंगल बचाना सबकी जिम्मेदारी

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  • May 22, 2016 6:50 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 20 वें संस्करण में जनता से बढ़ती गर्मी को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि गर्मी लगातार बढ़ती ही जा रही है, जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. मोदी ने पर्यावरण की समस्या पर बात करते हुए कहा कि धरती को, प्रकृति को बचाना है तो हम सबको अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी.
 
उन्होंने कहा कि पानी और जंगल को बचाना प्रत्येक देशवासी की जिम्मेदारी है. मोदी ने कहा, ‘करीब-करीब देश का अधिकतम हिस्सा गर्मी की भीषण आग का अनुभव कर रहा है. पक्षी हो, इंसान हो, हर कोई परेशान है. पर्यावरण के कारण ही तो ये समस्याएँ बढ़ती चली जा रही हैं. जंगल कम होते गए, पेड़ कटते गए और एक प्रकार से मानवजाति ने ही प्रकृति का विनाश करके स्वयं के विनाश का मार्ग प्रशस्त कर दिया’.
 
प्रधानमंत्री ने जनता से विश्व पर्यावरण दिवस पर जंगल और पानी बचाने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘5 जून विश्व पर्यावरण दिवस है. पूरे विश्व में पर्यावरण के लिए चर्चाएँ होती हैं, चिंता होती है. इस बार यूनाईटेड नेशन्स ने विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘जीरो टोलेरेंस फॉर इलीगल वाइल्डलाइफ ट्रेड’ इसको विषय रखा है. इसकी तो चर्चा होगी ही होगी, लेकिन हमें तो पेड़-पौधों की भी चर्चा करनी है, पानी की भी चर्चा करनी है, हमारे जंगल कैसे बढ़ें’.
 
मोदी ने लोगों से मानसून के वक्त पानी बचाने का आग्रह किया. उन्होंने मीडिया को भी इस तरफ कदम बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा, ‘आने वाले चार महीने बूँद-बूँद पानी के लिए ‘जल बचाओ अभियान’ के रूप में परिवर्तित करना है और ये सिर्फ सरकारों का नहीं, राजनेताओं का नहीं, ये जन-सामान्य का काम है. मीडिया ने पिछले दिनों पानी की मुसीबत का विस्तार से वृत्तांत दिया. मैं आशा करता हूँ कि मीडिया भी पानी बचाने की दिशा में लोगों का मार्गदर्शन करे, अभियान चलाए और पानी के संकट से हमेशा की मुक्ति के लिए मीडिया भी भागीदार बने, मैं उनको भी निमंत्रित करता हूँ’.

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