नई दिल्ली. शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है. रेलवे अब जल्द ही इन ट्रेनों में खाना लेने की अनिवार्यता को खत्म करने जा रहा है. रेलवे के इस बदलाव के कारण शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में खाना लेना या ना लेना अब पैसेंजर पर निर्भर करेगा. आईआरसीटीसी के अनुसार इस नए नियम की शुरुआत 15 जून से होगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक रेल मंत्रालय मुसाफिरों को न सिर्फ अपनी पसंद का खाना मंगाने का विकल्प देगा, बल्कि उन्हें स्थानीय स्तर पर तैयार होने वाले व्यंजन भी मिलेंगे.
टिकट लेते वक्त ही बताना होगा
नए नियम के तहत यात्रियों को टिकट लेते वक्त ही यह बताना होगा कि वह खाना लेना चाहते हैं या नहीं. जो यात्री खाना नहीं लेंगे, उनसे टिकट के वक्त केटरिंग का पैसा नहीं लिया जाएगा.
पहले किया जाएगा ट्रायल
आईआरसीटीसी के मुताबिक इसका ट्रायल 2 शताब्दी और 2 राजधानी ट्रेनों में किया जाएगा. इनमें निजामुद्दीन-मुंबई सेंट्रल अगस्त क्रांति राजधानी,नई दिल्ली-पटना राजधानी,पुणे-सिकंदराबाद शताब्दी और हावड़ा-पुरी शताब्दी एक्सप्रेस शामिल है. नए सिस्टम के तहत इन ट्रेनों के लिए टिकट लेते वक्त आपसे पूछा जाएगा कि ट्रेन केटरर से खानपान की सुविधा लेना चाहते हैं या नहीं? अगर यह ट्रायल कामयाब रहा तो बाद में अन्य शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में भी लागू किया जाएगा.
‘नहीं होगी यात्रियों को कोई दिक्कत’
आईआरसीटीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. एके मनोचा ने बताया कि इससे यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी. इसके अलावा यात्रियों को च्वॉइस मिलेगी और खाना सप्लाई करने वालों के बीच प्रतियोगिता बढ़ेगी,जिससे आखिरकार क्वॉलिटी बढ़ेगी.
रेल बजट में प्रभु ने किया था ऐलान
बता दें कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस वर्ष के रेल बजट में ट्रेनों में अनिवार्य कैटरिंग सेवा को वैकल्पिक बनाने के लिए ट्रायल शुरू करने की घोषणा की थी, जिस पर अमल किया जा रहा है.