सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर- सीबीआई ने रेलवे के तत्काल रिजर्वेशन सिस्टम को ध्वस्त करते हुए एक ही बार में सैकड़ों टिकटों का आरक्षण करने वाले एक अवैध सॉफ्टवेयर का निर्माण करने के आरोप में अपने सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर को गिरफ्तार किया है.
जौनपुर. सीबीआई ने रेलवे की तत्काल टिकटों में धांधली के आरोप में अपने ही सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर अजय गर्ग को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा सीबीआई ने तत्काल टिकट में धांधली के मामले में देशभर में 14 जगहों पर छापेमारी भी की है. अजय गर्ग पर आरक्षण प्रणाली का अवैध सॉफ्टवेयर तैयार करने का आरोप है. गर्ग के बनाए सॉफ्टवेयर से एक ही बार में सैकड़ों तत्काल टिकटों का आरक्षण कर लिया जाता था. इनके अलावा सीबीआई ने 10 एजेंटों की पहचान की है.
गिरफ्तार किए गए सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर की पहचान अजय गर्ग के रूप में हुई है. अजय गर्ग सीबीआई में असिस्टेंट प्रोग्रामर के पद पर तैनात है. गर्ग को उसके साथी समेत सीबीआई ने ही गिरफ्तार किया है. आरोप है कि अजय गर्ग ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर डेवलप किया था, जो सीधा आईआरसीटीसी के तत्काल टिकट बुकिंग सिस्टम में सेंध लगाता था. सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि अजय के साथी अनिल गुप्ता को उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले स्थित उसके घर से मंगलवार को गिरफ्तार किया गया और उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया.
इसके बाद सीबीआई ने रात भर छापेमारी की. सीबीआई ने दिल्ली, मुंबई और जौनपुर में 14 स्थानों पर छापेमारी की. जहां से 89.42 लाख रुपये की नकदी, 61.29 लाख रुपये के सोने के गहने जिसमें एक किलो की दो सोने की छड़ें, 15 हार्ड डिस्क, 52 मोबाइल फोन, 24 सिम कार्ड, 10 नोटबुक, छह राउटर,15 लैपटॉप, चार डोंगल और 19 पेन ड्राइव के साथ-साथ अभियुक्तों के परिसर और अन्य लोगों के परिसर से कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है.
अजय गर्ग को साकेत की एक विशेष अदालत में बुधवार को पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया. गर्ग ने 2012 में सीबीआई में सहायक प्रोग्रामर के तौर पर अपनी सेवाएं शुरू की थी. उसका चयन एक प्रक्रिया के तहत किया गया था. इससे पहले वह 2007 से 2011 के बीच आईआरसीटीसी के लिए काम करता था. वहीं उसे रेलवे टिकटिंग सिस्टम के बारे में गहराई से पता चला.
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