नई दिल्ली. 2016 के 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में श्रीसंत, लक्ष्मी रतन शुक्ला और दिवंगत जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली पहली बार राजनीति की पिच पर उतरे थे. तीनों में से शुक्ला और डालमिया ने पश्चिम बंगाल में टीएमसी और श्रीसंत ने तमिलनाडु में बीजेपी की दामन थामा. तीनों का चुनावी लेखा-जोखा नीचे दिया गया है.
श्रीसंथ- आईपीएल मैच फिक्सिंग के क्रिकेट से आजीवन प्रतिबंध झेल रहे श्रीसंथ की लोकप्रियता को भुनाने के लिए बीजेपी ने उन्हें तिरुवअंतपुरम से टिकट दिया था. लेकिन श्रीसंथ बीजेपी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके और तीसरे स्थान पर रहे. तिरुवअंतपुरम विधानसभा सीट से पहले स्थान पर कांग्रेस के वीएस सीवाकुमार रहे. इन्हें कुल 46474 वोट मिले. दूसरे स्थान पर निर्दलीय प्रत्याशी एंटोनी राजू रहे इन्हें 35569 वोट मिले. जबकि पहली बार राजनीति की पिच पर उतरे श्रीसंथ कुल 34764 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
लक्ष्मी रतन शुक्ला- लक्ष्मी शुक्ला भी पहली बार ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी के जरिये राजनीति में प्रवेश कर रहे हैं. टीएमसी ने इनकी लोकप्रियता पर भरोसा करके हावडा उत्तर से चुनावी मैदान में उतारा था. लक्ष्मी रतन शुक्ला ममता बनर्जी की उम्मीदों पर खरे उतरे और पहली ही बार में लगभग 27 हजार वोटों से जीतकर पश्चिम बंगाल की विधानसभा में पहुंचे है. शुक्ला ने कांग्रेस के प्रत्याशी संतोष पाठक को हराया है. शुक्ला को कुल 61917 बोट मिले, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी को 34958 वोटों से ही संतोष करना पड़ा.
बैशाली डालमिया- दिवंगत नेता और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की बेटी बैशाली डालमिया भी राजनीति में अपना पदार्पण कर रही है. एक सादा समारोह में ये भी लक्ष्मी रतन शुक्ला के साथ टीएमसी में शामिल हुई थीं. टीएमसी ने इन्हें बेली विधानसभा सीटे से मैदान में उतारा था. वैशाली ने ममता बनर्जी की भरोसा कायम रखा और लेफ्ट के प्रत्याशी को लगभग साढे 15 हजार वोटों से हरा दिया. वैशाली को 52702 वोट मिले और सीपीआई(एम) के प्रत्याशी को 37299 वोट मिले. बैशाली का कहना है कि वो ममता बनर्जी की तरह आम लोगों की नेता बनना चाहती हैं. बता दें कि वैशाली के सपोर्ट में सौरव गांगुली ने प्रचार किया है और एक क्रिकेट प्रदर्शन मैच भी खेला था जिसमें एक तरफ क्रिकेटर और दूसरी तरफ बंगाली एक्टर थे. सौरव 7 और मनोज तिवारी ने 57 रन बनाये थे.