आरक्षण खत्म करने को लेकर फिलहाल संसद में कोई भी बिल लंबित नहीं है और न ही कोई चर्चा है. बीजेपी एमपी उदित राज ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर पर भी आरक्षण बचाओ रैली की कोई जानकारी शेयर नहीं की है. जबकि उन्होंने 25 दिसंबर को 10 ट्वीट किए हैं.
नई दिल्ली. देश में कमजोर तबके के लोगों चाहे वो अनुसूचित जाति के हों, अनुसूचित जनजाति के हों या अति पिछड़ा बर्ग के हों, उनके लिए जो आरक्षण की व्यवस्था है वो संसद के अलावा कोई और जगह नहीं है जहां से खत्म हो सके और उस संसद में आरक्षण के मौजूदा स्वरूप से किसी भी तरह के खिलवाड़ की कोई चर्चा तक नहीं है फिर भी केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार और उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के सांसद उदित राज का 26 दिसंबर की रैली को लेकर एफएम चैनलों पर जो विज्ञापन आ रहा है उसमें ये कहा जा रहा है कि आरक्षण खत्म होने वाला है और अगर दलित अब भी नहीं जगे तो कल मौका भी नहीं मिलेगा. उदित राज का ये कहना विरोधाभासी है क्योंकि संसद में इस तरह का कोई प्रस्ताव ना तो सरकार की तरफ से है और ना ही विपक्ष की तरफ से.
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उदित राज की इस रैली के मद्देनजर जब इनखबर ने अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अखिल भारतीय परिसंघ के फेसबुक पेज को चेक किया तो वहां रैली के मद्देनजर प्रोमोशन में आरक्षण, निजी क्षेत्र में आरक्षण, ठेकेदारी प्रथा का खात्मा और दलित अत्याचार के खिलाफ संघर्ष की बात है. इनखबर ने परिसंघ से जुड़े लोगों से इस बारे में बात की और पूछा कि भाजपा के सांसद को यह कहने की जरूरत क्यों आन पड़ी कि आरक्षण खत्म होने वाला है जब देश में इस तरह की कोई विधायी प्रक्रिया किसी स्तर पर लंबित नहीं है तो नाम ना छापने की शर्त पर उन्होंने कहा कि वो इस पर इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते कि वो रेडियो का प्रचार है. परिसंघ से जुड़े इस आदमी ने कहा कि कल की रैली की चार मांग है- प्रोमोशन यानी पदोन्नति में आरक्षण, निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण, ठेकेदारी प्रथा की समाप्ति और दलितों पर अत्याचार बंद हो.
इनखबर ने उदित राज के फेसबुक और ट्विटर एकाउंट पर इस रैली से जुड़े पोस्ट खोजे लेकिन 15 दिसंबर से बाद उदित राज ने इस रैली के बारे में अपने ट्वीटर या फेसबुक पर कुछ भी नहीं लिखा है. 26 दिसंबर की रैली से ठीक एक दिन पहले 25 दिसंबर को उदित राज ने कुल 10 ट्वीट किए हैं लेकिन इनमें से कोई ट्वीट इस रैली पर नहीं है. कुछ ट्वीट तो बीजेपी के ट्वीटर एकाउंट के रीट्वीट हैं तो कुछ पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा आज उद्घाटित दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर हैं. उदित राज ने इन 10 ट्वीट में क्रिसमस, अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन, मदन मोहन मालवीय जयंती और गुरु गोविंद सिंह जयंती तक की शुभकामना दी हैं. उदित राज का फेसबुक ट्वीटर से कनेक्ट लगता है क्योंकि ट्वीटर पर छपी हर चीज सीधे वहां छप जाती है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि उदित राज जब फेसबुक और ट्वीटर पर दुनिया-जहान की बातें कर रहे हैं तो अपनी ही रैली के बारे में सन्नाटा क्यों है. और सबसे बड़ा सवाल, अगर आरक्षण खत्म करने का कोई प्रस्ताव संसद में नहीं है तो एफएम चैनलों पर विज्ञापन में वो ये क्यों कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म होने वाला है और अब भी नहीं जगे तो बाद में मौका भी नहीं मिलेगा. पोस्टर में एक बात, एफएम चैनल पर दूसरी बात करके क्या भाजपा सांसद उदित राज दलितों को बरगला रहे हैं.