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मोदी सरकार ने दो साल से मदरसों को नहीं दिया फंड, वेतन न मिलने से नौकरी छोड़ने को मजबूर 50,000 शिक्षक

केंद्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और झारखंड समेत 16 राज्यों में मदरसों के शिक्षकों को वेतन न देने के कारण वे नौकरी छोड़ रहे हैं. मोदी सरकार मदरसों के लिए फंड आवंटित नहीं कर रही है.

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Madrasa
  • December 25, 2017 5:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः मदरसों में नियुक्त 50,000 शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाने से वह नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर हैं. केंद्रीय योजना के तहत पंजीकृत मदरसों में मोदी सरकार पिछले दो वर्षों से इसके लिए आवंटित फंड जारी नहीं कर रही है. जिसके चलते देश के 16 राज्यों के मदरसे प्रभावित हुए हैं. जिसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे राज्य शामिल हैं बता दें इन राज्यों में बीजेपी सरकार है.

अखिल भारतीय मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के अध्यक्ष मुस्लिम रजा खान का कहना है कि, ‘भारत में कुल 18,000 मदरसे हैं, जिनमें आधे सिर्फ उत्‍तर प्रदेश में ही हैं. यहां 25,000 शिक्षक कार्यरत हैं. सोलह राज्‍यों के मदरसा शिक्षकों को केंद्रीय योजना के तहत मिलने वाली राशि का दो वर्षों से भुगतान नहीं किया गया है. कुछ राज्‍यों में तो तीन साल से उन्‍हें वेतन नहीं मिला है. ऐसे में हम लोगों ने आठ जनवरी को लखनऊ में विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है.

एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार मुताबिक केंद्रीय योजना के तहत ग्रेजुएट टीचरों को छह हजार और पीजी शिक्षकों की बारह हजार रुपये दिए जाते हैं. यह राशि उनके कुल वेतन का 75 और 80 प्रतिशत है. बाकी की राशि संबंधित राज्य सरकारों की ओर से दी जाती है. मदरसों के शिक्षकों को वेतन न मिलने के कारण वे नौकरी छोड़ रहे हैं. योजना के तहत पंजीकृत मदरसों में सरकार ने पिछले वर्षों से फंड नहीं दिया है.

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