बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब वित्त मंत्री अरुण जेटली अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी और जीएसटी के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर जताई आशंका को खारिज कर चुके हैं. स्वामी ने इंटरनेशनल रेटिंग कंपनियों मूडीज और फिच की विश्वसनियता पर भी सवाल उठाए हैं.
नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार पर जीडीपी के आंकड़ों को लेकर निशाना साधा है. स्वामी ने कहा कि सरकार ने केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) पर जीडीपी के अच्छे आंकड़े दिखाने के लिए दबाव डाला था. साथ ही उन्होंने मूडीज और और फिच जैसे रेटिंग कंपनियों को भी निशाने पर लिया. सीएसओ के वरिष्ठ अधिकारियों पर दबाव था कि वे जीडीपी के अच्छे आंकड़े दिखाएं, जिससे ये लगे कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था और जीडीपी ग्रोथ पर नकारात्मक असर नहीं पड़ा. सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ये बातें शनिवार को कहीं थीं. स्वामी ने जीडीपी के आंकड़ों को पूरी तरह फर्जी बताया.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, स्वामी ने अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में चार्टेड अकाउंटेंट्स को संबोधित करते हुए ये आरोप लगाए. उन्होंने कहा, ‘कृपया जीडीपी के तिमाही आंकड़ों पर न जाएं, वे सब फर्जी हैं. मैं आपसे कह रहा हूं क्योंकि मेरे पिता ने सीएसओ की स्थापना की थी. हाल ही में मैं सदानंद गौड़ा (केंद्रीय सांख्यिकी मंत्री) के साथ वहां गया था. उन्होंने सीएसओ के अधिकारी को आदेश दिया. क्योंकि नोटबंदी को लेकर अच्छे आंकड़े दिखाने का दबाव था. इसलिए उन्होंने ऐसे आंकड़े जारी किए, जिससे दिखे कि नोटबंदी का कोई नकारात्मक असर नहीं था.’
स्वामी ने आगे कहा, ‘मैं घबराहट महसूस कर रहा हूं. क्योंकि मैं जानता था कि असर तो हुआ है. इसलिए मैंने सीएसओ के डायरेक्टर से पूछा कि आपने आंकड़े कैसे जारी किए, जबकि नोटबंदी तो नवंबर (2016) को हुई थी और आपने आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट फरवरी 2017 में प्रकाशित की, यानी प्रकाशन के लिए ये रिपोर्ट कम से कम तीन हफ्ते पहले गई होगी. तो आपने जनवरी 2017 में रिपोर्ट पेश की और आपने बता दिया कि नोटबंदी का कोई असर नहीं हुआ. आपने इसकी गणना कैसे की?’ स्वामी ने बताया, सीएसओ डायरेक्टर ने कहा कि वह क्या कर सकते हैं? वह दबाव में थे. उनसे आंकड़े मांगे गए और उन्होंने दे दिए. स्वामी ने बताया कि ऐसे में तिमाही आंकड़ों पर भरोसा न करें.
राज्यसभा सांसद स्वामी ने रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘इन मूडीज़ और फिच की रिपोर्ट्स पर यकीन मत कीजिए. आप उन्हें पैसे देकर किसी भी तरह की रिपोर्ट प्रकाशित करवा सकते हैं.’ मूडीज़ ने हाल ही में भारत की क्रेडिट रेटिंग बढ़ाई थी. रेटिंग में ये इजाफा 13 साल बाद किया गया था. वहीं फिंच ने भी पहले रेटिंग बढ़ाकर बाद में घटा दी थी. सुब्रमण्यम स्वामी के बयान से पहले ही वित्त मंत्री अरुण जेटली नोटबंदी और जीएसटी के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर जताई आशंका को खारिज कर चुके हैं.
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