1996 में हुए चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में 2013 में निचली अदालत ने लालू को दोषी करार दिया था। इस घोटाले में उन पर अलग-अलग 6 केस चल रहे हैं। लालू के अलावा आरोपियों में बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र सहित विद्यासागर निषाद, आर. के. राना, ध्रुव भगत, आईएएस अफसर महेश प्रसाद और बेक जूलियस समेत कुल 22 लोगों पर केस चल रहा है।
नई दिल्ली. रांची की सीबीआई कोर्ट द्वारा चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया है. इस मामले पर लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हम हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती देंगे. हमने चाइबासा केस में पहले ही हाई कोर्ट में चुनौती दे रखा है. हाई कोर्ट खुलने के बाद जमानत की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी उनके पिता की छवि खराब कर रही है.
तेजस्वी यादव ने इससे पहले ट्वीट करते हुए कहा था कि लालू जी जिस वर्ण और गरीबी में पैदा हुए और जिस संघर्ष के दम पर सत्ता के स्थापित गलियारों को अपने दमखम से हिलाया वही सबसे बड़ा घोटाला है. उसी की सजा भुगत रहे हैं. समझे. तेजस्वी ने कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए न्यायालय के फैसले का सम्मान करने की बात कही. उन्होंने कहा ‘सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे शांति बनाए रखते हुए न्यायालय के फैसले का सम्मान करें. सत्य को कोई नहीं हरा सकता. हमारी जीत होगी और जरूर होगी. अपना प्रेम और विश्वास बनाए रखें. जह बिहार, जय हिंद.’
बता दें कि बिहार के पूर्व सीएम और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के एक और मामले में रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है. सजा का ऐलान तीन जनवरी को होगा. हालांकि कोर्ट ने 22 आरोपियों में से पूर्व सीएम जन्नाथ मिश्रा समेत छह लोगों को बरी कर दिया है. लालू यादव को कोर्ट से सीधे बिरसा मुंडा जेल ले जाया गया. 1996 में हुए इस घोटाले से जुड़े एक मामले में निचली अदालत ने 2013 में लालू यादव को दोषी करार दिया था. इस घोटाले में लालू यादव पर अलग अलग छह केस चल रहे हैं. लालू के अलावा पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा सहित 22 लोगों पर केस चल रहा है.