वृद्धा आश्रम में रह रहे गांधी जी के पोते कनु से मोदी ने की बात

महात्मा गांधीजी के पोते कनुभाई गांधी और उनकी पत्नी शिवलक्ष्मी वृद्धाश्रम में रहने की खबरें मीडिया में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात का संज्ञान लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बारे में खुद नरेंद्र मोदी ने एक्शन लिया और उनके कहने पर महेश शर्मा ने कनुभाई से मुलाकात की. शर्मा ने फोन पर कनुभाई की मोदी से बात भी कराई.

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वृद्धा आश्रम में रह रहे गांधी जी के पोते कनु से मोदी ने की बात

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  • May 16, 2016 3:55 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. महात्मा गांधीजी के पोते कनुभाई गांधी और उनकी पत्नी शिवलक्ष्मी वृद्धाश्रम में रहने की खबरें मीडिया में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात का संज्ञान लिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बारे में खुद नरेंद्र मोदी ने एक्शन लिया और उनके कहने पर केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कनुभाई से मुलाकात की. शर्मा ने फोन पर कनुभाई की मोदी से बात भी कराई.
 
मोदी ने की गुजराती में बात
कनुभाई और मोदी के बीच गुजराती में काफी देर तक फोन पर बातचीत हुई. इस दौरान मोदी ने उनका और उनकी पत्नी का हालचाल पूछा. इससे पहले, मीडिया से बातचीत में कनुभाई ने कहा- बापू मुझसे हमेशा चाहते थे कि मैं लोगों की सेवा करूं, लोगों का दर्द ले लूं और खुशियां फैलाऊं. उन्होंने कहा कि बापू की भक्ति हमेशा मेरे दिल में रहती है, हर वक्त चलती रहती है. उन्होंने कहा कि मुझे पता है मैं उनकी दया पर जी रहा हूं, शायद ये उन्हें पसंद न हो, मेरे पास बापू की बहुत सी यादें हैं. मैं बापू के सिरहाने बैठा करता था, वे मेरे सिर पर हाथ रखकर मुस्कुरा देते थे. 
 
‘मैं सिर्फ प्रार्थना करना चाहता हूं’
अपनी हालत को लेकर कनुभाई कहते हैं- मेरे हाथों में कोई कटोरा नहीं है, मैं किसी से पैसे नहीं मांग रहा हूं, मैं सिर्फ प्रार्थना करना चाहता हूं. उनसे जब पूछा गया कि क्या सोनिया या राहुल गांधी ने अमेरिका में रहने के दौरान कभी उनसे कॉन्टेक्ट किया या उनकी हेल्थ के बारे में पूछा, इस पर कनु भाई कहते हैं- हां शायद उन्होंने किया कभी. 
 
नासा में कर चुके हैं काम कनुभाई
कनुभाई अपनी पत्नी शिवलक्ष्मी के साथ लंबे समय तक हैम्पटन, वर्जीनिया में रहे थे. कनु वहां नासा के लेंजली रिसर्च सेंटर में काम करते थे. कनुभाई, यूएस के डिफेंस डिपार्टमेंट में भी काम कर चुके हैं. वे बताते हैं- ‘मैं फाइटर प्लेन के एयरक्राफ्ट विंग स्ट्रक्चर पर रिसर्च करता था.’ वे अपना अमेरिका का अपना पासपोर्ट और वीजा दिखाते हैं और पुराने दिनों को याद कर रो पड़ते हैं. कनुभाई की पत्नी बायोकेमिस्ट्री में पीएचडी हैं. वे बोस्टन में पढ़ाती थीं. उसके बाद उन्होंने बोस्टन बायोमेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में रिसर्च करने के लिए जॉब छोड़ दी थी.
 
कौन हैं कनु गांधी?
महात्मा गांधी के तीसरे बेटे रामदास के तीन बच्चों में से एक हैं कनु. वे गांधी की हत्या के वक्त 17 साल के थे. कनुभाई की उम्र अब 87 साल है और उनकी पत्नी 85 साल की हैं. उनके कोई बच्चा नहीं है. अमेरिका में 40 साल से ज्यादा का वक्त गुजारने के बाद यह गांधी कपल भारत वापस लौटा है. दिल्ली आने से पहले वे दोनों गुजरात के भी कई आश्रमों और ओल्ड एज होम में रहे हैं.
 
अमेरिका में बतौर साइंटिस्ट काम करते रहे कनुभाई मार्च 2014 में भारत लौटे थे. उम्र के इस पड़ाव पर अमेरिका में बेहद अकेला महसूस कर रहा गांधी कपल सबसे पहले साबरमती लौटा था. गुजरात के ही नवसारी के कस्तूरबा सेवाश्रम में उनके साथ उनके ही सेवक ने 1.64 लाख रुपए की ठगी की थी.

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