लूट, डकैती, हत्या जैसे 24 मामलों में अपराधी है आनंदपाल सिंह

आनंदपाल सिंह, जिसके नाम से राजस्थान की जनता ही नहीं, पूरा पुलिस महकमा थर्राता है. यह वही आनंदपाल है, जिसे अक्सर बुलेट प्रूफ जैकेट पहन खून की होली खेलने का शौक रहा है. आज भी उसकी यह फितरत है. कुछ महिने पहले ही आनंदपाल ने बीकानेर जेल में अपने विरोधियों पर खूनी हमला कर डाला था. विरोधियों को गोलियों से छलनी कर दिया था. उसी दौरान विधानसभा में भी यह मामला कई दिनों तक सुर्खियों में रहा था.

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लूट, डकैती, हत्या जैसे 24 मामलों में अपराधी है आनंदपाल सिंह

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  • May 15, 2016 4:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
जयपुर: आनंदपाल सिंह, जिसके नाम से राजस्थान की जनता ही नहीं, पूरा पुलिस महकमा थर्राता है. यह वही आनंदपाल है, जिसे अक्सर बुलेट प्रूफ जैकेट पहन खून की होली खेलने का शौक रहा है. आज भी उसकी यह फितरत है. कुछ महिने पहले ही आनंदपाल ने बीकानेर जेल में अपने विरोधियों पर खूनी हमला कर डाला था. विरोधियों को गोलियों से छलनी कर दिया था. उसी दौरान विधानसभा में भी यह मामला कई दिनों तक सुर्खियों में रहा था. 
 
पुलिस का सिरदर्द बना है आनंदपाल सिंह
पुलिसवालों की एके-47 की बौछार से कहीं तेज़ आग उगलती है गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की एके-47. पुलिस की जीपों से कहीं तेज फर्राटा भरती है गैंगस्टर आनंदपाल की फॉर्च्यूनर. पुलिस के इन बंकरों में फंसने की जगह शातिर आनंदपाल हर बार खुद देता है पुलिस की भारी-भरकम फौज को चकमा. अपना हर हथियार अब तक नाकाम देख आखिरकार राजस्थान पुलिस ने चला है इमोशनल कार्ड. पुलिस का ये इमोशनल कार्ड है गैंस्टर आनंदपाल की मां निर्मल कंवर.
 
लूट, डकैती, हत्या जैसे 24 मामलों में अपराधी
आनंदपाल लूट, डकैती, गैंगवार, हत्या जैसे 24 मामलों का अपराधी है. ऐसे मामलों में प्रदेश की पुलिस को खूंखार अपराधी आनंद पाल की तलाश थी. आनंद पाल को पकड़ने का जिम्मा दबंग पुलिस अधिकारियों को सौंपा गया था. जयपुर पुलिस, एसओजी और एटीएस की संयुक्त टीम ने फागी कस्बे के पास मोहब्बतपुरा गांव से इस खूंखार अपराधी को पकड़ा था. पुलिस की टीम ने आनंद पाल के कब्जे से एके 47 सरीखे खतरनाक हथियार, आटोमैटिक मशीन गन, बम और बुलेट प्रूफ जैकेट बरामद किए. बता दें कि सरकारी सुरक्षा बलों के पास ही एके 47 बंदूक पाई जाती है. 
 
पांच लाख का ईनामी है आनंदपाल
साल 2005 से आनंदपाल के गैंगस्टर बनने की दास्तां शुरू होती है. उसी साल नागौर के रहने वाले राजू ठेठ, बलवीर बानूड़ा और गोपाल फोगावट ने मिलकर जीण माता में शराब की दुकान खोली. कारोबार में आपसी विवाद के चलते राजू ठेठ और बलवीर बानूड़ा के बीच विवाद हो गया. राजू ठेठ ने बानूड़ा के रिश्तेदार गोपाल की हत्या कर दी. बदला लेने के लिए बानूड़ा ने दोस्त आनंदपाल की मदद मांगी. दोस्त की खातिर आनन्दपाल आगे आया और फिर शुरू हुआ गैंगवार का ऐसा खेल, जिसने आनंदपाल को बना दिया 5 लाख का ईनामी गैंगस्टर.
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

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