इस्राइल की राजधानी के तौर पर येरूशलम को मान्यता दिए जाने के अमेरिका के फैसले के विरोध में UN में कुल 128 देशों ने वोट दिया है. वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के समर्थन में सिर्फ 9 दिशों का ही वोट मिला है.
इस्राइल की राजधानी के तौर पर येरूशलम को मान्यता दिए जाने के अमेरिका के फैसले को खारिज करने के पक्ष में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 128 देशों का मत मिला है. इसी के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा अमेरिका के इस फैसलों को खारिज कर दिया है. दरअसल इस्राइल की राजधानी के तौर पर येरूशलम को मान्यता दिए जाने के अमेरिका के फैसले पर गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में चर्चा हुई. इस दौरान वोटिंग भी कराई गई, वोटिंग के दौरान अमेरिका के फैसले के विरूद्ध और UN के समर्थन में 128 देशों ने वोट किया.
रिपोर्ट के अनुसार जहां अमेरिका के फैसले को खारिज करने के UN के पक्ष में 128 देशों का समर्थन मिला तो वहीं 9 देशों ने UN के पक्ष के विरूद्ध वोट किया. वहीं 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र में इस प्रस्ताव पर मतदान के दौरान 35 देश अनुपस्थित रहे.
128 countries vote in favor of U.N. call for U.S. to withdraw decision to recognize Jerusalem as Israel's capital, 9 countries oppose: Reuters pic.twitter.com/qdWmz9nQer
— ANI (@ANI) December 21, 2017
वहीं इस वोटिंग के बाद UN में मौजूद US अंबेसडर ने कहा कि अमेरिका इस वोट को हमेश याद रखेगा. अमेरिका इस दिन को याद रखेगा जिसमें UNGA में हमला करने के लिए एक प्रभु राष्ट्र के रूप में हमारे अधिकार का प्रयोग करने के लिए एकदम बाहर किया गया था. साथ ही अमेरिका हमारे दूतावास को यरूशलेम में रखेगा.
"US will remember this day in which it was singled out for attack in UNGA for the very act of exercising our right as a sovereign nation.America will put our embassy in Jerusalem.This vote will be remembered"says,US Amb to UN,37th plenary meeting of 10th emergncy spl session UNGA pic.twitter.com/2Zv9S0WMDX
— ANI (@ANI) December 21, 2017
वहीं दूसरी ओर खबरों के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मतदान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों को आर्थिक मदद रोकने की धमकी भी दी थी. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि यह देश हमसे ही अरबों डॉलर की मदद लेते हैं और फिर हमारे खिलाफ ही वोट करते हैं. उन्होंने आगे यह भी कहा था कि हम उन सभी वोटों पर नजर रख रहे हैं और इन्हें हमारे खिलाफ वोट देने दीजिए.
येरुशलम पर दुनिया भर में इतनी रार क्यों? भारत किसकी तरफ है?