UPA सरकार में मंत्री रह चुके ए. राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी सहित सभी आरोपियों को 2G केस में बरी करने वाले जस्टिस ओपी सैनी दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर रह चुके हैं. हरियाणा के रहने वाले जस्टिस ओपी सैनी ने 6 साल की पुलिस सर्विस के बाद ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट परीक्षा दी थी. उस साल चुने गए प्रतिभागियों में ओपी सैनी एकमात्र सफल उम्मीदवार थे.
नई दिल्लीः सीबीआई की विशेष अदालत ने आज देश का सबसे बड़ा घोटाला माने जाने वाले टू-जी स्पेक्ट्रम केस में UPA सरकार में मंत्री रह चुके ए. राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. जस्टिस ओम प्रकाश सैनी (57) ने यह फैसला सुनाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जस्टिस ओपी सैनी ने साल 1981 में बतौर दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थी. सैनी को स्पेशल POTA जज के रूप में ख्याति मिली थी. ओपी सैनी ने ही रेड फोर्ट शूट आउट केस में फैसला सुनाया था. इस मामले में सैनी ने मुख्य आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी.
6 साल की पुलिस सर्विस के बाद दी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट परीक्षा
हरियाणा के रहने वाले जस्टिस ओपी सैनी ने 6 साल की पुलिस सर्विस के बाद ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट परीक्षा दी थी. उस साल चुने गए प्रतिभागियों में ओपी सैनी एकमात्र सफल उम्मीदवार थे. 2जी केस से पहले जस्टिस सैनी कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े मामलों में भी सुनवाई कर चुके हैं. जस्टिस सैनी ने ही कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले के आरोपी सुरेश कलमाड़ी, ललित भनोट, वीके वर्मा, केयूके रेड्डी, प्रवीण बख्शी और देवरूख शेखर को सलाखों के पीछे पहुंचाया था.
जस्टिस ओपी सैनी को माना जाता है सख्त मिजाज शख्स
बेहद अनुशासित माने जाने वाले जस्टिस ओपी सैनी के बारे में कहा जाता है कि एक बार कोर्ट रूम में उन्होंने एक बड़े कॉरपोरेट घराने के एक पारिवारिक सदस्यों को डांट दिया था और चेतावनी दी थी कि वह आपस बातचीत न करें. उनकी बातचीत से कोर्ट की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हो रही थी. जस्टिस सैनी को एक सख्त मिजाज शख्स माना जाता है. 2जी केस सामने आने के बाद नवंबर 2011 में यह माना जा रहा था ओपी सैनी डीएमके प्रमुख करूणानिधि की बेटी कनिमोझी को जमानत दे देंगे.
कनिमोझी की जमानत याचिका की थी खारिज
जस्टिस सैनी ने सबको चौंकाते हुए कनिमोझी की जमानत याचिका ही खारिज कर दी. याचिका में कहा गया था कि कनिमोझी महिला हैं और पहले ही कई महीने जेल में काट चुकी हैं. सैनी ने दलील दी कि कनिमोझी एक प्रभावशाली राजनेता हैं और वह गवाहों की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकते. सैनी के बारे में एक और उदाहरण दिया जाता है कि 19 मार्च, 2017 को उन्होंने सीआरपीसी के सेक्शन-19 के तहत अपनी स्पेशल पावर का उपयोग करते हुए भारती एयरटेल के सुनील मित्तल, हचिंसन मैक्स के असीम घोष और स्टर्लिंग सेलुल्यर के रवि रुइया को समन जारी किया था.
हमले के मुख्य आरोपी को सुनाई थी फांसी की सजा
दिसंबर 2000 में लालकिले पर आतंकी हमला हुआ था. आरिफ नाम के आतंकी ने अपने साथियों के साथ मिलकर आर्मी कैंप पर हमला किया था. इस हमले में तीन जवान मारे गए थे. जस्टिस ओपी सैनी ने ही 2005 में हमले के मुख्य आरोपी आरिफ को फांसी की सजा सुनाई थी. अन्य 6 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई. सैनी के इस फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था. नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) रिश्वत घोटाला केस में सैनी ने NALCO के चेयरमैन ए.के. श्रीवास्तव को जमानत देने से इनकार कर दिया था.
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