पटना. गया के आदित्य सचदेवा मर्डर केस में इंसाफ की मुहिम को एक झटका कोर्ट में लगा है. हत्या के वक्त आदित्य के साथ कार में रहे 4 दोस्तों ने यह कहकर आरोपियों को संदेह का लाभ मिलने का रास्ता खोल दिया है कि उन लोगों ने गोली मारने वाले को देखा नहीं.
7 मई को ओवरटेक और साइड न मिलने की वजह से गया में हुई इस हत्या के मामले में जेडीयू की एमएलसी मनोरमा देवी का बेटा रॉकी यादव, पति बिंदी यादव समेत अन्य लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. मनोरमा देवी फरार चल रही हैं.
हत्याकांड के सिलसिले में पुलिस ने आदित्य की कार में साथ रहे 4 दोस्तों का बयान कोर्ट में सेक्शन 164 के तहत दर्ज कराया. आदित्य के साथ रहे चारों दोस्तों ने कोर्ट में कहा कि गोली पीछे से मारी गई थी इसलिए गोली किसने मारी, उन लोगों ने नहीं देखा.
पुलिस ने रॉकी यादव को गया के ही एक इलाके से गिरफ्तार किया था और उसने पुलिस के सामने हत्या की बात कबूल भी कर ली थी. पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल पिस्तौल भी बरामद कर लिया था.
कोर्ट-कचहरी जाने और समझने वाले जानते हैं कि कोई भी आरोपी कोर्ट में जाकर पुलिस के सामने दिए गए बयान से यह कहकर पलट जाता है कि उससे पुलिस ने मार-पीट कर ये बयान लिखवाया. ऐसे में रॉकी पुलिस के सामने हत्या में शामिल होने के बयान से नहीं मुकरेगा, इसकी संभावना कम है.
आदित्य के साथ रहे 4 दोस्तों के कोर्ट में यह कहने के बाद कि उन्होंने गोली मारने वाले को नहीं देखा, आदित्य को इंसाफ दिलाने का दारोमदार पुलिस जांच और चार्जशीट पर आकर टिकता दिख रहा है.