नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री विवाद के बीच दिल्ली यूनिवर्सिटी ने साफ किया है कि मोदी की बीए डिग्री बिल्कुल सही है. पीएम मोदी की डिग्री की सत्यता जांचने के लिए आम आदमी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल के डीयू पहुंचा था. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को कहा है कि पीएम मोदी की डिग्री पूरी तरह प्रमाणित है. डिग्री के सभी रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी में मौजूद हैं. हालांकि विवि ने माना है कि पीएम मोदी के डिग्री में हल्की सी गलती हो गई है.
मोदी की डिग्री बिल्कुल सही
यूनीवर्सिटी के रजिस्ट्रार तरुण दास ने कहा, ‘हमने अपने रिकॉर्ड की जांच की है और पाया है कि पीएम मोदी की डिग्री सही है. उन्होंने 1978 में परीक्षा पास की और 1979 में उन्हें डिग्री प्रदान की गई.’ उन्होंने कहा कि मोदी के डिग्री में हल्की सी गलती हो गई है. डिग्री में साल 1979 अंकित है जबकि वो एक साल पहले ही बीए पास कर चुके थे. उनका रजिस्ट्रेशन नंबर सीसी 594/74 है और उनकी परीक्षा का रोल नंबर 16594 है.’ मार्क्स शीट में मोदी के नाम में बदलाव के बारे में पूछने पर दास ने कहा कि यह आम गलती है जहां तक बीच के नाम का सवाल है. उन्होंने कहा, ‘दूसरे छात्र भी इस तरह की गलतियां बताते हैं और आग्रह पर उनमें सुधार किया जाता है.’
अलग रोल नंबर और नाम का कंफ्यूजन
बीए की डिग्री में साल 1977 में नरेंद्र मोदी का रोल नंबर अलग है और 1978 में अलग. डीयू के मुताबिक, तीनों साल रोल नंबर एक ही होता है, लेकिन सप्लीमेंट्री होने पर रोल नंबर बदल जाता है. महत्वपूर्ण है कि छात्र का रजिस्ट्रेशन नंबर एक होना चाहिए. 1977 में बीए की मार्कशीट पर नरेंद्र कुमार दामोदरदास मोदी लिखा हुआ. जबकि 1978 में सिर्फ नरेंद्र दामोदर दास मोदी.
DU की दहलीज से आगे नहीं बढ़ पाए आप नेता
दूसरी ओर मंगलवार को आप नेता संजय सिंह, आशुतोष, आशीष खेतान और दिलीप पाण्डेय दिल्ली यूनिवर्सिटी गए लेकिन पूर्व निर्धारित मुलाकात ना होने और वीसी की व्यस्तता के चलते आप नेता किसी की डिग्री की जांच तो दूर यूनिवर्सिटी की दहलीज से आगे भी नहीं बढ़ पाए.
‘दिल्ली यूनिवर्सिटी में भय का माहौल’
करीब एक घंटे इंतजार के बाद आप नेता बाहर आए. आप नेता संजय सिंह ने बताया, ‘बुधवार को 3 बजे वीसी साहब मुलातात करेंगे. दिल्ली यूनिवर्सिटी में भय का माहौल है और हमको किसी से भी नहीं मिलवाया गया. इसके बाद आप नेता आशुतोष ने फिर दावा किया कि पीएम मोदी की डिग्री फर्जी है. आशुतोष ने दिल्ली यूनिवर्सिटी की कुछ और लोगों की साल 1970 और 1980 की डिग्री का हवाला देकर दावा किया, “उस समय पर कंप्यूटर नहीं होते थे इसलिए मार्कशीट में नम्बर हाथ से लिखे जाते थे लेकिन मोदी जी की मार्कशीट में नम्बर टाइप हुए हैं जिससे ये साबित होता है कि ये फर्जी है. असली डिग्री और मोदी जी की बनायी हुई डिग्री में जमीन आसमान का फर्क है.”