himachal pradesh assembly election 2017: हिमाचल प्रदेश में वोट मांगने के लिए दी जाती है देवी देवताओं की कसमें !

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 की चुनावी जंग से थोड़ी ही देर में पर्दा उठ जाएगा. हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है. इस देवभूमि को देवी-देवताओं के लिए तो मायने रखता है साथ ही हिमाचल प्रदेश में देवी देवताओं के नाम पर भी सियासत की जाती है. हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सिंह का नाता राजघरानों से रहा है.

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himachal pradesh assembly election 2017: हिमाचल प्रदेश में वोट मांगने के लिए दी जाती है देवी देवताओं की कसमें !

Aanchal Pandey

  • December 18, 2017 12:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

शिमला. कुछ ही देर में साफ हो जाएगा कि हिमाचल प्रदेश में किस पार्टी की सरकार बनेगी और कौन सी पार्टी मुंह के बल गिरेगी. 9 नवंबर को हुए चुनावों का परिणाम 18 दिसंबर को आ जाएगा. इस पारी में जीत दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय और प्रदेश की पार्टियों ने जी जान लगा दी थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश में वोट मांगने और सियायत देवी देवताओं पर भी की जाती है. देवी देवताओं की भूमि कहे जाने वाला राज्य हिमाचल प्रदेश में वोट मांगने के लिए देवी देवताओं की कसमें दिलाई जाती है.

डोर टू डोर कैंपेन करने वाले प्रयाक्षी लोगों को भगवानों का वास्ता देकर वोट लेने का वादा लेते हैं. कहा जाता है कि वहां प्रत्याक्षी कुल देवी देवताओं की कसम देकर कहते हैं कि अगर मुझे वोट नहीं दिया तो तुम्हें पाप लगेगा. दरअसल हिमाचल प्रदेश में ऐसी परंपरा रही है कि वहां पहले राजा-महाराजाओं का राज हुआ करता था. इन राजा व महारानियों को देवी देवताओं के सामान माना जाता था. बेशक आजादी के बाद ये दौर खत्म हो गया हो लेकिन लोगों के बीच इस परंपरा को मरने नहीं दिया गया. राजघरानों के लोग सामान्य व गरीबों को देवी देवताओं का वास्ता देकर अपनी बात को मनवाया जाता था. इसी तरह आज भी चुनावों में इस तरह की पद्धति का प्रयोग किया जाना प्रत्याक्षी के लिए कोई बड़ी बात नहीं है. मीडिया के अनुसार उम्मीदवार नमक पानी जैसी चीजों की कसम खिलवा कर वोट मांगे जाते हैं. खुद सीएम वीरभद्र सिंह राजघरानों से ताल्लुक रखते हैं.

https://youtu.be/DrF0Kkmk4U8

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