तीनों भारतीय अधिकारियों से अभी पूछताछ चल रही है. इसी सप्ताह तीनों अधिकारियों ने आईएसआई की इस साजिश के बारे में विभाग को जानकारी दी थी.
इस्लामाबाद. पाकिस्तान हमेशा से अपनी हरकतों से भारत को फंसाने और नीचा दिखाने की कोशिश करता रहता है. जिसके लिए वो लगातार साजिश रचता रहता है. हर बार उसे मुंह की खानी पड़ती है. इस बार भी पाकिस्तान की साजिश नाकाम हो गई है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) द्वारा भारतीय अधिकारियों को फंसाने के लिए हनीट्रैप का सजा बिछाया था, लेकिन भारतीय अधिकारियों को समय रहते इसका पता चल गया और एक बार फिर से पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी. दरअसल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने तीन भारतीय अधिकारियों को फंसाने के लिए हनीट्रैप का सहारा लिया था. ये तीनों अधिकारी हाई कमीशन में सरकारी कागजातों का अनुवाद करने का काम करते हैं.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार दूतावास में तैनात इन तीन अधिकारियों को इस हफ्ते की शुरुआत में भारत वापस बुलाया जा चुका है और उनसे पूछताछ की जा रही है. अधिकारियों ने समय रहते आईएसआई के इस ‘हनीट्रैप’ की योजना को भांप लिया और अपने सीनियर को इसकी जानकारी दे दी. सुरक्षा के लिहाज से इन अधिकारियों के नाम को सार्वजनिक नहीं किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जूनियर भारतीय अधिकारियों को पाकिस्तान के किसी स्थानीय होटल में ले जाकर आपत्तिजनक हालत में वीडियो और तस्वीरें लेने की योजना थी. इस वीडियो और तस्वीरों के जरिए अधिकारियों को ब्लैकमेल किया जा सके, यही आईएसआई की योजना थी. बता दें कि 2010 में भी ऐसा ही कुछ हुआ था. तब हाई कमीशन की प्रेस डिवीजन में काम करने वाली माधुरी गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था, उन्होंने कथित तौर पर आईएसआई के एक अधिकारी को सीक्रेट डॉक्यूमेंट सौंप दिए थे.
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