राजस्थान: नेहरू कौन और गांधी को किसने मारा, किताब से गायब !

राजस्थान में आठवीं कक्षा की सोशल साइंस की किताबों में से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम को निकाल दिया गया है. किताब में इस बात का जिक्र ही नहीं है कि भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन थे. हालांकि अभी ये किताब बाजार में नहीं आई है लेकिन इसको राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल की वेबसाइड पर अपलोड की गई है.

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राजस्थान: नेहरू कौन और गांधी को किसने मारा, किताब से गायब !

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  • May 8, 2016 7:48 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
जयपुर. राजस्थान में आठवीं कक्षा की सोशल साइंस की किताबों में से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम को निकाल दिया गया है. किताब में इस बात का जिक्र ही नहीं है कि भारत के पहले प्रधानमंत्री कौन थे. हालांकि अभी ये किताब बाजार में नहीं आई है लेकिन इसको राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल की वेबसाइड पर अपलोड की गई है. 
 
नाथूराम गोड्से का भी नाम नहीं
किताब में महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, वीर सावरकर, भगत सिंह, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक जैसे बड़े नेताओं का नाम हैं, पर नेहरू समेत दूसरे कांग्रेसी नेताओं के नाम हटा दिए गए हैं. साथ ही गांधीजी की हत्या करने वाले नाथू राम गोड्से का भी जिक्र किताब में नहीं है. 
 
दोबारा लिखी गई है नई किताब
यह किताब पाठ्यक्रम नवीनीकरण के नाम पर दुबारे लिखी गई हैं और राजस्थान बोर्ड की क्लास आठ में पढ़ाई जाएगी. किताब के पुराने एडीशन में राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन चैप्टर में पं नेहरू के योगदान को मुख्य तौर पर बताया गया था साथ ही आजादी के बाद के भारत के चैप्टर में भी पं नेहरू और सरदार पटेल के सरकार बनाने में योगदान को भी प्रमुखता से बताया गया था. 
 
सरोजनी-मदन मोहन मालवीय का भी नाम नहीं
नए एडिशन के स्वतंत्रा आंदोलन के नए चैप्टर में पं नेहरू, सरोजनी नायडू, मदन मोहन मालवीय जैसे नेताओं का जिक्र नहीं है. आजादी के बाद के भारत पर अधारित चैप्टर में राजेन्द्र प्रसाद के भारत के पहले राष्ट्रपति के तौर पर और सरदार पटेल का भारत को एक करने के लिए दिए गए योगदान का जिक्र है लेकिन नेहरू के विषय में कुछ नहीं लिखा गया है.
 
कांग्रेस ने क्या कहा ?
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा है कि ये एक तरह से भगवाकरण को दूसरे लेवल तक ले जाने की कोशिश है. किताब से देश के पहले पीएम को बाहर किया जाना बीजेपी के विचारों का दीवालियापन को दिखाता है. पायलट ये भी कहा कि उन लोगों को समझना होगा कि ऐसा करके वे नेहरू की यादें और उनके देश के लिए कॉन्ट्रीब्यूशन को नहीं मिटा देंगे. हम देश के इतिहास बदलने के लिए विरोध करेंगें.

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