NGT ने हरिद्वार, ऋषिकेश से उत्तरकाशी जिले के ऊपरी क्षेत्रों में गंगा नदी के पास प्लास्टिक से बने किसी भी सामान पर प्रतिबंध लगा दिया है. एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूलन ने आदेश का उल्लंघन करने पर 5000 रुपये का जुर्माना भरना होगा.
नई दिल्लीः नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंगा की स्वच्छता को लेकर शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है. एनजीटी ने देवभूमि उत्तराखंड के पवित्र तीर्थ हरिद्वार, ऋषिकेश से उत्तरकाशी जिले के ऊपरी क्षेत्रों में गंगा नदी के पास प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. एनजीटी ने फैसले में कहा है कि अगर कोई आदेश की अनदेखी कर उसका उल्लंघन करता है तो उस पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. एनजीटी ने गंगा की स्वच्छता और पवित्रता को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सुनाया है.
बता दें कि एनजीटी के आदेश के हिसाब न केवल प्लास्टिक बैग्स बल्कि प्लास्टिक की प्लेट्स, चम्मच व प्लास्टिक की दूसरी वस्तुओं पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. एनजीटी ने प्लास्टिक के सामानों का उपयोग जैसे बिक्री, खरीद व भंडारण को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है. गंगा नदी में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए सुनाया गए एनजीटी के फैसले का उल्लंघन करने वाले को 5000 रुपये का जुर्माना भरना होगा. बता दें कि गंगा भागीरथी नदी के रूप उत्तराखंड के जिले उत्तरकाशी में गोमुख ग्लेशियर से निकलती है. जिसको देखते हुए एनजीटी ने उत्तरकाशी में भी गंगा नदी के पास प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगाया है
एनजीटी इन दिनों पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर दिख रही है. हरिद्वार, ऋषिकेश और उत्तरकाशी में गंगा किनारे प्लास्टिक बैन से पहले कश्मीर में हिंदुओं के प्रमुख स्थलों में से एक अमरनाथ गुफा में भी हिम निर्मित शिवलिंग के सामने जयकारे लगाने व घंटे बजाने पर रोक लगाई थी. एनजीटी के इस फैसले का काफी विरोध भी हुआ था. इससे पहले दिल्ली में स्मॉग को लेकर भी एनजीटी काफी सख्त दिखी थी.
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