अमेरिकी वैज्ञानिकों ने रामसेतु को बताया मानव निर्मित

भारत के दक्षिण-पूर्वी तट के किनारे तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट मन्नार द्वीप के बीच स्थित रामसेतु पर अमेरिका के एक टीवी शो-ऐन्सिएंट लैंड ब्रिज में भू-वैज्ञानिकों के हवाले से दावा कर रामसेतु को एक शानदार मानव उपलब्धि बताया गया है.

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अमेरिकी वैज्ञानिकों ने रामसेतु को बताया मानव निर्मित

Aanchal Pandey

  • December 13, 2017 12:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः भले ही भारत में रामसेतु के अस्तित्व पर सवाल उठाते हों या इस बात का विरोध करते हों कि रामसेतु सच में था. अमेरिका के भूगर्भ और आर्कियोलाजिस्ट ने रामसेतु को सुपर ह्यूमन एचीवमेंट बताते हुए कहा कि रामसेतु के निर्माण के संकेत मिलते हैं. वैज्ञानिकों ने सेटेलाइट से प्राप्त चित्रों, सेतु का स्थल, पत्थरों और बालू का अध्ययन करने के बाद इसे एक शानदार मानव उपलब्धि बताया. वैज्ञानिकों के अनुसार भारत-श्रीलंका के बीच 30 मील के क्षेत्र में बालू की चट्टाने पूरी तरह से प्राकृतिक हैं, लेकिन उन पर रखे गए पत्थर कहीं और से लाए गए प्रतीत होते हैं. जो करीब चार-पांच हजार साल पुराने हैं.

भू-वैज्ञानिकों के हवाले से दावा करने वाले एक टीवी शो-ऐन्सिएंट लैंड ब्रिज का प्रोमो रामसेतु के बारे में यही बता रहा है. इसका प्रसारण अमेरिका में एक साइंस चैनल पर किया जाएगा. अमेरिकी भू-वैज्ञानिकों के अनुसंधान के अनुसार रामेश्वरम के पम्बन द्वीप से श्रीलंका के मन्नार द्वीप के बीच 50 किमीं लंबी श्रृंखला मानव निर्मित है. रामसेतु को एडम्स ब्रिज भी कहा जाता है. इस चैनल पर यह प्रोमो 24 घंटे के अंदर 11 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं. वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने इस वीडियो को ट्वीट करके ‘जय श्री राम’ भी लिखा है. वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राम सेतु पर कहा कि रामसेतु के अस्तित्व को लेकर कभी कोई संदेह नहीं.जबकि कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि हमने कभी राम सेतु पर नहीं सवाल खड़ा किया, हम राम के अस्तित्व को मानते हैं. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी रामसेतु पर बयान दिया कि राम सेतु का अस्तित्व हमेशा से रहा है. 

https://twitter.com/ScienceChannel/status/940259901166600194

जानें रामसेतु के बारे में
रामसेतु पुल भारत के दक्षिण-पूर्वी तट के किनारे तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट मन्नार द्वीप के बीच स्थित है. कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में इस ढांचे के जरिए रामेश्वरम से मन्नार तक जाया जा सकता था. लेकिन 1480 में यह चक्रवात के चलते टूट गया.

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https://youtu.be/OJrvAWSyx6o

https://youtu.be/a-V6MP3ufto

 

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