चुनाव आयोग ने गुजरात सरकार को हिदायत दी है कि जीएसटी दरों में कटौती के विज्ञापन को फिलहाल रोक लिया जाए. इसके प्रकाशन से वोटरों पर प्रभाव पड़ रहा है. आयोग ने कहा है कि हाल ही में 178 वस्तुओं पर लगने वाले कर में कटौती के फैसले का प्रचार-प्रसार न किया जाए.
अहमदाबाद. चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में सरकार द्वारा जीएसटी में कटौती के विज्ञापन पर सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे किसी भी विज्ञापन पर रोक लगा दी है. आयोग ने गुजरात में कुछ वस्तुओं पर जीएसटी की दर कम करने का प्रचार नहीं करने की राज्य सरकार को सलाह दी है. आयोग का कहना है कि इस प्रकार के विज्ञापन से राज्य के मतदाता प्रभावित हो सकते हैं, वहीं आयोग ने उस विज्ञापन के प्रकाशन की अनुमति दी है जिसमें जीएसटी की प्रक्रिया समझाने के साथ लोगों को जागरूक किया जा रहा है. बता दें कि गुजरात में नौ दिसंबर को पहले चरण का मतदान होना है.
एक अधिकारी ने कहा कि पहले मसौदे पर चुनाव आयोग ने सलाह दी है कि ऐसा कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाए. आयोग ने सलाह दी है कि जीएसटी की दर कटौती पर विज्ञापन 14 दिसंबर को मतदान का दूसरा चरण पूरा होने के बाद ही जारी किए जा सकते हैं. इससे पहले चुनाव आयोग ने मनरेगा की दूसरी किश्त को जारी करने की अनुमति दी थी, लेकिन इस शर्त के साथ कि इसके प्रचार के लिए सरकार कोई कदम न उठाए.
आपको बता दें कि नोटबंदी और जीएसटी गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 में एक बड़ा मुद्दा हैं. कांग्रेस के भावी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लगभग हर चुनावी रैली में जीएसटी और नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधा है. जमीनी स्तर पर बात करें तो जीएसटी का गुजरात के व्यापारियों ने अच्छा खासा विरोध किया था. उसी समय कई लोगों ने बढ़ती महंगाई की वजह से भी केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया. बता दें कि गुजरात चुनाव की घोषणा से पहले बीजेपी शासित केंद्र सरकार ने जीएसटी परिषद की बैठक में 178 चीजों के टैक्स में कटौती की थी. जिसके बादर अब केवल 57 चीजें ही ऐसी बची हैं जो 28 फीसदी टैक्स स्लैब में आती हैं.
गुजरात चुनाव 2017: पीएम मोदी आज 4 रैलियों को करेंगे संबोधित, राहुल गांधी की होंगी तीन रैलियां