न्यायमूर्ती न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि "हमने वरिष्ठ वकीलों की बात को माना और उनकी कुछ बातों को रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया. लेकिन ऐसे रवैये को हम कब तक बर्दाश्त करेंगे? कोर्ट में कोई भी, कुछ भी नहीं बोल सकता. आवाज़ ऊंची करना बेहद आपत्तिजनक है."
नई दिल्ली. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वकीलों के व्यवहार को लेकर जमकर फटकार लगाई है. न्यायमूर्ती न्यायधीश दीपक मिश्रा ने अयोध्य केस और दिल्ली सरकार के विवाद की सुनवाई को लेकर सख्त लहजे में कहा है कि कोर्ट में वरिष्ठ वकीलों का यह व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. दरअसल, अयोध्या मामले कि सुनवाई के वक्त मुस्लिम पर के वकील कपिल सिब्बल ने कहा की अंतिम सुनवाई अभी नहीं की जानी चाहिए और अगर ऐसा होता है तो वह कोर्ट से चले जाएंगे. वहीं इससे पहले दिल्ली सरकार और केंद्र के मामले में भी वकील राजीव धवन का रवैया आक्रमक दिखाई पड़ा था.
मामले कि सुनवाई के दौरान वकीलों की ऊंची आवाज को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वकीलों को संयम बरतने की जरूरत है. अयोध्य केस और दिल्ली सरकार के विवाद को लेकर दीपक मिश्रा ने कहा कि दोनों ही मामलों की सुनवाई को दौरान वकील काफी गंभीर दिखाई पड़ रहे थे. उन्होंने कहा कि अगर वरिष्ठ वकील सुनवाई को दौरान गुस्से में और तेज आवाज में बहस करते हैं तो वह कभी बड़े वकील नहीं बन सकते. न्यायमूर्ती न्यायधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि कोर्ट में इस तरह का बरताव करने वाले वकीलों को हमने बर्दाश्त किया. लेकिन हम कब तक ऐसा करेंगे? अगर उन्होंने अपना रवैया नहीं सुधारा तो हम ज़रूरी कार्रवाई करेंगे.”
दीपक मिश्रा कहा कि “हमने वरिष्ठ वकीलों की बात को माना और उनकी कुछ बातों को रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया. लेकिन ऐसे रवैये को हम कब तक बर्दाश्त करेंगे? कोर्ट में कोई भी, कुछ भी नहीं बोल सकता. आवाज़ ऊंची करना बेहद आपत्तिजनक है.”
कपिल सिब्बल की अयोध्या केस 2019 तक टालने की दलील के खिलाफ हैं सुन्नी वक्फ बोर्ड चेयरमैन जफर फारूखी
महाबहस: किसके कहने पर अयोध्या मामले की सुनवाई 2019 तक टालना चाहते हैं कपिल सिब्बल?