नई दिल्ली. स्टिंग आपरेशन में घूस लेने के आरोपों से घिरे TMC नेताओं को बर्खास्त करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर भी नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा है कि जब ये मामला कलकत्ता कोर्ट में लंबित है तो सुप्रीम कोर्ट आने की जरूरत क्या है. इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली. एक्टीविस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि स्टिंग से साफ हो गया है कि पार्टी के 11 नेता घूसखोरी में शामिल थे. लिहाजा उन्हें बर्खास्त किया जाए.
क्या था मामला?
बता दें कि पश्चिम बंगाल के तीन मंत्रियों, कुछ सांसदों और विधायकों ने एक फर्जी आयात-निर्यात कंपनी से घूस ली. यह दावा एक समाचार पोर्टल ने ‘स्टिंग’ ऑपरेशन में किया था. हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इस वीडियो टेप को ‘छेड़छाड़ किया गया’ करार देते हुए तमाम आरोपों को खारिज कर दिया था.
स्टिंग के टेप में मंत्रियों और विधायकों को एक नकली कंपनी ‘इंपेक्स कंसल्टेंसी’ के लिए लॉबिंग करने जैसा पक्ष लेने के बदले नकदी स्वीकार करते हुए दिखाया गया और उस नकदी के बारे में कहा गया कि वह राशि करीब पांच लाख रुपये थी. पोर्टल के एक पत्रकार ने उन लोगों से मदद लेने के लिए खुद को कंपनी के एक प्रतिनिधि के तौर पर पेश किया था.