कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि अयोध्या मामले में अदालती फैसले का बड़ा राजनीतिक असर होगा, लिहाजा सुनवाई को जुलाई 2019 तक टाल दिया जाए. चूंकि कपिल सिब्बल कांग्रेस के बड़े नेता भी हैं, इसलिए बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आरोप लगाया कि एक तरफ तो राहुल गांधी मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं और दूसरी ओर राम मंदिर का मामला लटकाने के लिए कपिल सिब्बल को आगे कर दिया गया है.
नई दिल्ली. अयोध्या के जमीन विवाद में कांग्रेस पक्षकार नहीं है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलवाने की कोशिश के लपेटे में कांग्रेस आ चुकी है. मुस्लिम पक्ष के वकील कपिल सिब्बल की इस दलील से पक्षकार हाजी महबूब ने भी किनारा कर लिया है कि सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई जुलाई 2019 में करे. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की चुनावी रैलियों में कहना शुरू कर दिया है कि कांग्रेस राम मंदिर को भी चुनाव से जोड़ रही है. कांग्रेस राम मंदिर मामले को लटकाना चाहती है. क्या अयोध्या का ये नया विवाद कांग्रेस के गले की फांस बन जाएगा? अगर मुवक्किल नहीं चाहते तो फिर किसके कहने पर सुनवाई टलवाना चाहते हैं कपिल सिब्बल, आज इन्हीं सवालों पर होगी महाबहस.
अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तो 8 फरवरी तक टल गई, लेकिन मंगलवार को इस मामले में कपिल सिब्बल की दलीलों ने जो बवंडर खड़ा किया, वो अब टलता नहीं दिख रहा. कपिल सिब्बल ने मुस्लिम पक्ष के वकील की हैसियत से अदालत में जो दलीलें दीं, उसी को हथियार बनाकर अब बीजेपी के सभी दिग्गज नेता कांग्रेस पर हमलावर हैं.
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि अयोध्या मामले में अदालती फैसले का बड़ा राजनीतिक असर होगा, लिहाजा सुनवाई को जुलाई 2019 तक टाल दिया जाए. चूंकि कपिल सिब्बल कांग्रेस के बड़े नेता भी हैं, इसलिए बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आरोप लगाया कि एक तरफ तो राहुल गांधी मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं और दूसरी ओर राम मंदिर का मामला लटकाने के लिए कपिल सिब्बल को आगे कर दिया गया है. कांग्रेस ने कपिल सिब्बल की दलीलों को वकील के तौर पर उनका निजी मामला बताकर पल्ला झाड़ना चाहा, लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात की चुनावी रैलियों में कपिल सिब्बल और कांग्रेस को आड़े हाथ लिया.
कपिल सिब्बल के बयान पर विवाद इसलिए भी बढ़ गया है, क्योंकि मुस्लिम पक्षकारों में से एक हाजी महबूब ही उनकी दलीलों से सहमत नहीं हैं. हाजी महबूब का कहना है कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कपिल सिब्बल से नहीं कहा था कि मामले की सुनवाई टालने की मांग करें. बतौर पक्षकार हाजी महबूब चाहते हैं कि अदालत का फैसला जल्द से जल्द आए.
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