23 मार्च से दिल्ली में आंदोलन करेंगे अन्ना हजारे, राजनाथ सिंह को जगह उपलब्ध कराने के लिए लिखा खत

अन्ना हजारे ने 23 मार्च से शुरू होने वाले आंदोलन के बारे खजुराहो में दीवार पर लिखा, '23 मार्च को चलो दिल्ली.' अन्ना हजारे ने दीवार पर नारा लिखने के बाद कहा, यह आंदोलन किसी दल के खिलाफ और किसी के समर्थन में नहीं है, यह जनता के हित में किया जा रहा है.

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23 मार्च से दिल्ली में आंदोलन करेंगे अन्ना हजारे, राजनाथ सिंह को जगह उपलब्ध कराने के लिए लिखा खत

Aanchal Pandey

  • December 5, 2017 1:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. 2011 में दिल्ली में यूपीए 2 सरकार के खिलाफ ताल ठोकने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर से दिल्ली में आंदोलन करने वाले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अन्ना एक बार फिर से दिल्ली में आंदोलन करेंगे. जिसके लिए अन्ना ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को जगह उपलब्ध कराने के लिए खत लिखा है. इंडिया न्यूज के संवाददाता पुलकित नागर के अनुसार अन्ना ने बीजेपी शासित केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनको जितनी चिंता बड़े उद्योगपतियों की है उतनी किसानों की नहीं है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर ब्रेक लगने वाले पांच बिल संसद में पेंडिंग हैं लेकिन सरकार को इसकी को चिंता नहीं है.

अन्ना हजारे ने कहा कि हम भष्टाचार के मुद्दे पर एक बार फिर से दिल्ली में 23 मार्च से आंदोलन करने जा रहे हैं. जिसके लिए जगह उपलब्ध कराने के लिए हमने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है. उन्होंने गृहमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि हमें बताओ जगह कहां होगी ? वहीं दिल्ली की सरकार और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए अन्ना ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अच्छे से सरकार नहीं चला पा रहे हैं. अगर केजरीवाल सरकार अच्छी चलती तो इतने मंत्री बाहर नहीं होते.

इससे पहले रविवार 03 दिसंबर को मध्य प्रदेश के खजुराहो में एक सम्मेलन में अन्ना हजारे ने आंदोलन की तारीख दीवारों पर दर्ज कर दी. खजुराहो की दीवार पर अन्ना हजारे द्वारा अपने आंदोलन की तारीख लिखने के पीछे वहां आने वाले पर्यटकों को आंदोलन की जानकारी देने का उद्देश्य माना जा रहा है. दीवार पर अन्ना हजारे ने 23 मार्च 2018 की तारीख दर्ज की साथ ही एक नारा भी लिखा जिसमें उन्होने लिखा ’23 मार्च को दिल्ली चलो’

बता दें कि अन्ना, मोदी सरकार के कामकाज से नाखुश हैं. अन्ना का कहना है कि बीजेपी की केंद्र सरकार उद्योगपतियों का ख्याल रख रही है लेकिन किसान सरकार के एजेंडे में नहीं हैं. अन्ना ने कहा, निर्धारित कानून के खिलाफ किसानों से कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज वसूला जाता है. सरकार सबकुछ जानते हुए भी इस पर ध्यान नहीं दे रही है. लिहाजा आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है.

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