नई दिल्ली. अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में हुए घोटाले को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. राज्यसभा में सोनिया का नाम लेते ही कांग्रेस सांसद वेल में आकर विरोध करने लगे. सोनिया ने इन आरोपों को पूरी तरह नकारते हुए कहा है कि मेरा नाम सरकार को लेने दें, मैं किसी से डरती नहीं हूं. हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है. ये सारे आरोप बेबुनियाद, निराधार और झूठे हैं. मोदी सरकार दो साल से सत्ता में है, उन्होंने अभी तक जांच पूरी क्यों नहीं कराई.
कांग्रेस ने बुलाई बैठक
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में हुए घोटाले को लेकर कांग्रेस की अहम बैठक बुलाई थी. इस बैठक में अगस्ता वेस्टलैंड को लेकर रणनीती बनाई गई थी. इस बैठक में उपाध्यक्ष राहुल गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मल्लिकार्जुन खड़गे और आनंद शर्मा मौजूद थे.
जेटली ने दिया ये जवाब
कांग्रेस के आरोपों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इटली के प्रधानमंत्री से सरकार की कोई बात नहीं हुई. कांग्रेस की ओर से लगाया गया डील का आरोप बेबुनियाद है. वित्त मंत्री ने कहा, ‘घोटाले की जांच चल रही है. दोनों पीएम के बीच कोई डील नहीं हुई.’
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगाया आरोप
राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की लिखी चिट्ठी का हवाला देते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि अगस्टा वेस्टलैंड को यूपीए सरकार ने ब्लैकलिस्ट किया था, लेकिन फिर भी मोदी सरकार ने उसे मेक इन इंडिया मुहिम में हिस्सा लेने की अनुमति दी. उन्होंने सवाल किया कि क्या भारत सरकार की इटली सरकार से कोई डील हुई है.
नरेश अग्रवाल ने सरकार पर साधा निशाना
क्या है मामला?
यूपीए-1 सरकार के वक्त 2010 में अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी के लिए 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद की डील हुई थी. डील के तहत मिले 3 हेलिकॉप्टर आज भी दिल्ली के पालम एयरबेस पर खड़े हैं. इन्हें इस्तेमाल में नहीं लाया गया. डील 3,600 करोड़ रुपए की थी. टोटल डील का 10% हिस्सा रिश्वत में देने की बात सामने आई थी. इसके बाद यूपीए सरकार ने फरवरी 2010 में डील रद्द कर दी थी. तब एयरफोर्स चीफ रहे एसपी त्यागी समेत 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया था. जिस मीटिंग में हेलिकॉप्टर की कीमत तय की गई थी, उसमें यूपीए सरकार के कुछ मंत्री भी मौजूद थे. इस वजह से कांग्रेस पर भी सवाल उठे थे.