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वर्णिका कुंडू का ऑनलाइन कैंपेन, लड़कियों का पीछा करना भी गंभीर अपराध, बनाया जाए सख्त कानून

वर्णिका ने लड़कियों से छेड़छाड़, यौन शोषण और बढ़ रहे हिंसक अपराधों के खिलाफ आवाज भी बुलंद की. एक बार फिर वर्णिका ने एक मुहिम शुरू की है. वर्णिका चाहती हैं कि लड़कियों से छेड़छाड़ और उनका पीछा करने के मामले में आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किया जाए. इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन कैंपेन शुरू किया है.

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varnika kundu
  • December 3, 2017 10:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

चंडीगढ़ः आपको वर्णिका कुंडू नाम की लड़की तो याद होगी. हरियाणा के वरिष्ठ IAS अधिकारी की बेटी, वही वर्णिका कुंडू जिसने बीते 4 अगस्त की रात बहादुरी का परिचय देते हुए दो बिगड़ैल रईसजादों से अपनी आबरू ही नहीं बचाई बल्कि उनके खिलाफ मुखर होकर इंसाफ की लड़ाई भी लड़ी. आमतौर पर ऐसे मामलों में लड़कियां बदनामी के डर से चेहरा छुपाती हैं लेकिन वर्णिका कुंडू ने खुद मीडिया को अपना चेहरा दिखाया. वर्णिका ने लड़कियों से छेड़छाड़, यौन शोषण और बढ़ रहे हिंसक अपराधों के खिलाफ आवाज भी बुलंद की. एक बार फिर वर्णिका ने एक मुहिम शुरू की है. वर्णिका चाहती हैं कि लड़कियों से छेड़छाड़ और उनका पीछा करने को गंभीर श्रेणी का अपराध माना जाए. इस तरह के अपराध में आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किया जाए. इसके लिए वर्णिका ने अब ऑनलाइन कैंपेन शुरू किया है.

वर्णिका कुंडू की इस मुहिम में कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर भी उनके साथ नजर आ रहे हैं. वर्णिका इस मुहिम को सार्थक बनाने के लिए सोशल मीडिया का भी बखूबी इस्तेमाल कर रही हैं. दरअसल इस मुहिम में एक न्यूज वेबसाइट भी उनके साथ है. वर्णिका सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे इस कैंपेन में लोगों से ऑनलाइन इस पिटीशन के लिए सपोर्ट मांग रही हैं. वर्णिका लोगों से अपील कर रही हैं कि कृपया कर उनकी इस याचिका (ऑनलाइन) पर दस्तखत करें ताकि सरकार इसका संज्ञान ले और जान सके कि लड़कियों से छेड़छाड़ और उनका पीछा करना कितना संगीन अपराध है.

वर्णिका लोगों से अपील कर रही हैं कि कृपया कर उनका इस लड़ाई में साथ दें ताकि इस मुद्दे पर जीरो-टॉलरेंस की नीति अपनाई जा सके. बताते चलें कि वर्णिका ने इस मुहिम में अपने साथ हुए वाकये का जिक्र किया है. वर्णिका ने लिखा, वह एक रात अपनी कार से घर लौट रही थीं. अचानक एक SUV कार सवार दो लड़के (विकास बराला और आशीष) उनका पीछा करने लगे. वह उनसे बचने के लिए हर संभव कोशिश कर रही थीं. वह खुशकिस्मत थीं कि सही समय पर पुलिस वहां पहुंच गई, वरना उनके साथ कुछ भी हो सकता था. वर्णिका आगे कहती हैं कि उन्होंने फौरन पुलिस में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई लेकिन प्रभावशाली परिवार का होने की वजह से उन्हें बेहद आसानी से जमानत दे दी गई. इतना ही नहीं, इस तरह के मामलों में मौजूदा कानून पीड़िता को न्याय दिलाने में सक्षम नहीं है. लिहाजा वह चाहती हैं कि छेड़छाड़ और पीछा करने संबंधी मामलों को भी गंभीर अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाए.

 

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