जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर में बढ़ोत्तरी हुई है. जो जीडीपी पिछले माह 5.7 थी वह अब बढ़कर 6.3 हो गई है. पिछले तिमाही में विकास दर के आंकड़ों 13 तिमाही के निचले स्तर पर पहुंच गया था. अप्रैल-जून तिमाही में विकास दर 5.7 फीसदी था जो लगभग 3 साल में सबसे निचले स्तर पर था.
नई दिल्लीः पिछले कुछ समय पहले देश की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के लिए केंद्र सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. लेकिन इस बार जीडीपी ग्रोथ यानी सकल घरेलू उत्पाद की विकास वृद्धि हुई है. बता दें कि पिछली तिमाही में जीडीपी 5.7 थी जो जो कि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ बढ़कर 6.3 हो गई है. पिछले तिमाही में विकास दर के आंकड़ों 13 तिमाही के निचले स्तर पर पहुंच गया था. इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही में विकास दर 5.7 फीसदी था जो लगभग 3 साल में सबसे निचले स्तर पर था. उस वक्त जीएसटी भी लागू हुआ था. जीएसटी को जीडीपी गिरने का जिम्मेदार भी ठहराया गया था. हालांकि इस बार जीडीपी में वृद्धि हुई है जिससे सरकार को राहत मिल सकती है.
केंद्र सरकार के आकड़ों की मानें तो कोर सेक्टर की आठ अहम इंडस्ट्री में विकास दर अक्टूबर 2017 के दौरान 4.7 फीसदी रहा था. वहीं पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा 7.1 फीसदी था. केंद्र सरकार द्वारा जीडीपी में हुए इजाफे में योगदान देने वाले प्रमुख क्षेत्रों में मैन्यूफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वॉटर सप्लाई, ट्रेड, होटल, ट्रांस्पोर्ट और कम्यूनिकेशन जिनमें 6 फीसदी से अधिक ग्रोथ दर्ज हुई है. आंकड़ों के मुताबिक कृषि क्षेत्र में दूसरी तिमाही के दौरान 1.7 फीसदी और माइनिंग व क्वैरिंग में महज 2.6 फीसदी ग्रोथ हुई है.
बता दें कि हाल ही में वैश्विक रेटिंग्स मूडीज ने भारत में जारी आर्थिक सुधारों को आधार मानते हुए देश की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग्स में 14 साल बाद सुधार किया था. वहीं अर्थशास्त्रियों ने दावा किया था कि दूसरी तिमाही के आंकड़ों में जीएसटी का प्रभाव खत्म होगा और विकास दस में और सुधार देखने को मिलेगी.
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