ईटानगर के सागली इलाकें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में सजा के तौर पर पांचवी और आंठवी कक्षा की 88 लड़कियों को कपड़े उतारने पर मजबूर किया. लड़कियों पर आरोप है कि उनके पास जो कागज बरामद हुआ था उसमें स्कूल के हेड टीचर के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था.
ईटानगरः अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में एक बार फिर बच्चों को अमानवीय सजा देने का मामला सामने आया है. ईटानगर के न्यू सागली इलाके के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में शिक्षकों ने 88 लड़कियों के कपड़े उतरवाने की सजा दे डाली. शिक्षकों ने लड़कियों को सजा इसलिए दी क्योंकि लड़कियों के पास एक ऐसा कागज बरामद हुआ था जिसमें स्कूल के हेड टीचर के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था. जिसके चलते स्कूल के दो असिस्टेंट टीचर और जूनियर टीचर ने तथाकथित रूप से लड़कियों को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया. बता दें कि स्कूल की जिन लड़कियों को सजा मिली है वह पांचवी और आठवीं कक्षा की छात्राएं हैं.
ईटानगर के न्यू सागली के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में हुई इस शर्मनाक घटना पर टेलीग्राफ ने पीसीसी की प्रवक्ता मीना टोको के हवाले से बताया है कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है. टोको का कहना है कि, इस तरह के जघन्य कुकृत्य से बच्चों पर मनोवैज्ञानिक दृष्टि से गंभीर प्रभाव पड़ता है. बच्चों की इज्जत से खेलना कानून और संविधान के खिलाफ है. स्टूडेंट्स को अनुशासित बनाना एक टीचर की जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता है.
टोको ने आगे बताया कि बच्चों को इस तरह की सजा देने किसी भी लिहाज से सही नहीं है. बच्चों के कपड़े उतरवाने जैसी सजा बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है. पुलिस को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए. वहीं एमपी तुम्मे अमो ने कहा कि सागली पुलिस को मंगलवार को घटना की जानकारी मिली है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि हालांकि बच्चों के घरवालों की तरफ से कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है. इससे पहले भी बच्चों को अमानवीय सजा देने के मामले सामने आते रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती. अगर एपआईआर दर्ज होती भी है तो ऐसे केस बस फाइलों में ही दबे रह जाते हैं.
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