नई दिल्ली. एनआईटी श्रीनगर को कहीं और शिफ्ट करने से केंद्र सरकार के इनकार के बाद गैर-कश्मीरी एनआईटी छात्रों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया. छात्रों ने केंद्र सरकार से सुरक्षा की गारंटी और एनआईटी को कश्मीर से शिफ्ट करने की मांग की है. छात्रों हाथों में झण्डा लिए भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारे लगाए. छात्रों ने मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने 19 मांगे रखी हैं.
छात्रों ने 19 मांगें रखीं
स्मृति ईरानी को लिखे गए पत्र में छात्रों ने 19 मांगें रखी हैं, जिसमें परिसर में सीआरपीएफ की स्थायी तैनाती, कॉलेज प्रशासन में फेरबदल, छात्र परिषद का गठन, परीक्षा की मार्कशीटों का मूल्यांकन बाहर कराने का विकल्प और संस्थान में राष्ट्रीय पर्व मनाना शामिल है। मंगलवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों को यह पत्र दिया गया. छात्रों ने अपने पत्र में लिखा, ‘हम माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री या भारत के प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि आप दोनों में से कोई एक एनआईटी श्रीनगर के छात्रों के साथ आएं और परिसर में पूरी उंचाई पर तिरंगा फहराएं. इससे छात्रों का अवकाश भी खत्म हो सकेगा और उनमें सुरक्षा की भावना भी पैदा हो सकेगी.’
क्या था मामला?
NIT कैम्पस में 31 मार्च को तनाव शुरु हुआ जब कुछ कश्मीरी छात्रों ने टी 20 वर्ल्डकप के सेमीफाइनल मुकाबले में भारत पर वेस्टइंडीज की जीत की खुशी में पटाखे जलाए. इसके अगले दिन कुछ छात्रों ने शुक्रवार की नमाज अदा करके लौट रहे कश्मीरी छात्रों की पिटाई कर दी. सुरक्षाबलों ने कैम्पस में छात्रों के दो गुटों को खदडऩे के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. इसके बाद ‘भारत माता की जय’ बोलने से इंकार करने पर छात्रों ने एक कश्मीरी युवक की कथित रूप से पिटाई कर दी जिसके बाद से एनआईटी कैम्पस में स्थिति तनावपूर्ण है. हुर्रियत कांफ्रेंस समेत अलगाववादी संगठनों ने कश्मीरी छात्रों पर हमला करने के लिए गैर कश्मीरी छात्रों की आलोचना की.