केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बाल श्रम (निषेध एवं नियमन) संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसमें 14 साल से कम उम्र के बच्चों को सभी प्रकार के काम में लगाने पर पाबंदी का प्रावधान है. इस मामले में बुलाई गई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "हालांकि यह निषेध ऐसे बच्चों पर लागू नहीं होगा, जो अपने परिवार या पारिवारिक उद्यम (जो जोखिम वाला व्यवसाय या प्रक्रिया न हो) को मदद देने के लिए स्कूल की पढ़ाई होने के बाद या छुट्टियों के दौरान काम करते हैं."
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बाल श्रम (निषेध एवं नियमन) संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसमें 14 साल से कम उम्र के बच्चों को सभी प्रकार के काम में लगाने पर पाबंदी का प्रावधान है. इस मामले में बुलाई गई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “हालांकि यह निषेध ऐसे बच्चों पर लागू नहीं होगा, जो अपने परिवार या पारिवारिक उद्यम (जो जोखिम वाला व्यवसाय या प्रक्रिया न हो) को मदद देने के लिए स्कूल की पढ़ाई होने के बाद या छुट्टियों के दौरान काम करते हैं.”
बयान के मुताबिक, सर्कस को छोड़कर श्रव्य-दृश्य मनोरंजन उद्योग में कलाकार के रूप में काम करने वाले बच्चों को अपवाद की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन यह भी कहा गया है कि इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए. बयान में कहा गया है, “बच्चों के लिए शिक्षा की आवश्यकता और देश में सामाजिक-आर्थिक स्थिति की वास्तविकता तथा सामाजिक ताने-बाने के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए मंत्रिमंडल ने इस बात को मंजूरी दी है कि बच्चे परिवार या पारिवारिक उद्यम को मदद दे सकते हैं.”
कानून में परिवर्तन से संबंधित विधेयक में बच्चों को कामगार के रूप में रखने वाले नियोक्ताओं के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. हालांकि अभिभावकों के लिए पहले अपराध पर किसी सजा का प्रावधान नहीं है. लेकिन नियोक्ताओं के लिए पहली बार नियम के उल्लंघन पर भी सजा का प्रावधान किया गया है.
IANS