संयुक्त राष्ट्र. भारत ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर दो टूक कहा कि आतंकवादियों और उनके मददगारों को संयुक्त राष्ट्र की बैन सूची से बचाने के लिए ‘गोपनीय वीटो’ का इस्तेमाल हो रहा है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन के रवैये की भारत ने कड़ी आलोचना की है. भारत ने पठानकोट हमले के मास्टरमांइड मसूद अजहर पर बैन लगवाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है, लेकिन हाल ही में चीन ने मसूद पर बैन लगवाने के प्रस्ताव वीटो लगा दिया था.
‘बैन न लगाने का कोई कारण नहीं बताया’
सैयद अकबरूद्दीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद पर चर्चा के दौरान भाषण दे रहे थे. अकबरुद्दीन ने कहा कि सुरक्षा परिषद में गुप्त वीटो करने वाले देश को यह बताने की जरूरत नहीं होती है कि किन कारणों से उसने वीटो का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के जनरल मेंबर्स को आतंकवादियों को बैन न करने का भी कारण नहीं बताया गया है. इनके चलते जवाबदेही का अभाव होता है. सैयद अकबरूद्दीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद पर चर्चा के दौरान भाषण दे रहे थे.
मसूद अजहर आतंकवादी नहीं: चीन
इसी महीने संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थाई प्रतिनिधि लियु जीयी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध झेलने के लिए जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख ‘आतंकवादी’ घोषित होने का पात्र नहीं है, क्योंकि उसका मामला सुरक्षा परिषद् के मानदंडों को पूरा नहीं करता. जब लियु से पूछा गया कि अजहर कैसे आतंकवादी नहीं है तो उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र की बैन सूची में किसी व्यक्ति और संगठन को तब शामिल किया जाता है, जब वह उसकी शर्ते पूरी करता है. यह परिषद के सभी सदस्यों का दायित्व है कि वे सुनिश्चित करें कि शर्तों का पालन हो.’
ओपन डिबेट में भारत ने रखी बात
गुरुवार को यूएन सिक्युरिटी काउंसिल में ‘इंटरनेशनल पीस एंड सिक्युरिटी’ पर खतरे को लेकर ओपन डिबेट रखी गई थी. अकबरुद्दीन के मुताबिक, ‘वर्ल्ड बॉडी के जनरल मेंबर्स को टेररिस्ट को बैन न करने का भी कारण नहीं बताया गया. तालिबान, अल कायदा और आईएसआईएस पर पाबंदी लगाने वाली कमेटी को एक बार फिर से इस पर सोचने की जरूरत है.’
पाक-चीन की मिलीभगत
भारत सरकार के मुताबिक, बैन करने के फैसले से पहले चीन ने पाकिस्तान से बात की थी. बता दें कि पाकिस्तान इस कमेटी का मेंबर नहीं है. लिहाजा चीन ने फैसले के खिलाफ वीटो कर इसे रुकवा दिया. इससे पहले भारत ने यूएन कमेटी से कहा था कि अजहर को बैन न करने से भारत और साउथ एशिया के दूसरे देशों पर खतरा मंडराता रहेगा.