ट्रिपल तलाक के चलते महिलाओं को असहाय छोड़े जाने के कई मामले देखने को मिले हैं. महिलाओं पर इस कुप्रथा के कारण हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 6 माह के अंदर इसपर कानून बनाने को कहा था
नई दिल्ली. केंद्र सरकार जल्द ही ट्रिपल तलाक पर कानून बनाने की तैयारी में है. तीन तलाक के चलते महिलाओं पर हो रहे अत्याचार रोकने के लिए सरकार कानून बनाने पर काम कर रही है. इसपर कानून बनाने के लिए मंत्री समिति का गठन भी किया गया है. सूत्रों के अनुसार केंद्र इस शीतकालीन सत्र में तीन तलाक खत्म करने को लेकर बिल ला सकती है. सरकार तीन तलाक को लेकर मौजूदा दंड प्रावधानों में संशोधन करने पर विचार कर रही है जिसके तहत अगर कोई ऐसा करता है तो उसे अपराध माना जाएगा.
गौरतलब है कि तीन तलाक को लेकर सजा का कोई खास प्रावधान न होने के कारण इसपर रोक नहीं लगाई जा सकी है. बता दें कि अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाते हुए सरकार को अगले 6 माह के अंदर इसपर कानून बनाने को कहा था. ऐसे में उम्मीद है कि सरकार ट्रिपल तलाक को खत्म करने पर इस शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करेगी. कोर्ट ने कहा था कि अगर 6 माह के अंदर ये कानून नहीं बना पाती है तो इसपर कोर्ट का आदेश बरकरार रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक पर रोक लगाने के बाद इसके कई मामले सामने आए थे जिसमें तलाक के बाद महिला को असहाय पाया गया था. हालिया मामले में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविधालय के एक प्रोफेसर ने अपनी पत्नी को व्हाट्सअप संदेश के जरिए तलाक दे दिया था जिसके बाद से ये मुद्दा दुबारा गरमा गया था. इस तरह के मामलों में दण्डात्मक प्रावधान न होने के कारण पति के खिलाफ कोई कार्रवाई संभव नहीं हो पाती.
तीन तलाक खत्म, क्या देश यूनिफॉर्म सिविल कोड की तरफ बढ़ रहा है ?
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को माना असंवैधानिक, अब बहुविवाह और हलाला की बारी !