अखिल चित्रे ने अपने बॉस के आदेश का हवाला देते हुए चेतावनी दी है कि अगर बैंक उनकी रिक्वेस्ट नहीं मानते हैं तो फिर मनसे अपने ‘स्टाइल’ में एक्शन लेगी
मुंबई. बात बात पर महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों को धमकाने और उनके पास मारपीट करने वाले महाराष्ट्र नव-निर्माण सेना ने इस बार बैंकों को धमकी दी है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने राज्य में बैंकों में मराठी में कामकाज नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए बैंकों के खिलाफ आंदोलन की धमकी दी है. मनसे कार्यकर्ताओं ने सोमवार को पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक और बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में इलाहाबाद बैंक का दौरा किया और उनको पत्र दिया कि वे रोज़ाना कामकाज में मराठी को महत्व दें. यदि वे अपने दैनिक कार्यों में मराठी का उपयोग करने में विफल रहे तो बैंकों के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा.
पिछले हफ्ते ठाणे में आयोजित सार्वजनिक रैली के दौरान राज ठाकरे ने कहा था कि भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश के बावजूद बैंकों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि वे ग्राहकों के साथ काम करते समय स्थानीय भाषा का इस्तेमाल करें. इस तर्ज पर मनसे कार्यकर्ताओं ने अमल करना शुरू कर दिया है. बांद्रा से मनसे के युवा लीडर अखिल चित्रे ने बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में स्थित सभी बैंकों के मैनेजर्स से मीटिंग की और मेमोरंडम सौंपते हुए आह्वान किया कि बैंकों के सभी काम मराठी लैंग्वेज में होने चाहिए. मनसे ने उनकी रिक्वेस्ट पर अमल करने के लिए बैंकों को सिर्फ सात दिनों का टाइम दिया है.
अपने पत्र में मनसे कार्यकर्ताओं ने कहा कि आपको जानकारी है कि मराठी महाराष्ट्र की राजभाषा है. इसलिए हमारी पार्टी चाहती है कि राज्य में हर बैंक में औपचारिक लेनदेन मराठी में ही हो. मनसे के युवा प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष अखिल चित्रे ने कहा कि विभिन्न बैंकों को मनसे के स्थानीय पदाधिकारियों के हस्ताक्षर वाले पत्र दिए गए हैं. मनसे ने आंदोलन की धमकी देते हुए कहा कि अगर बैंक जल्द ही इसका पालन करने में विफल रहे तो उनके खिलाफ आंदोलन होगा. बता दें कि मनसे चुनाव में हार का सामना करने के बाद राज्य में राजनीतिक आधार हासिल करने की कोशिश कर रही है.
MNS की गुंडागर्दी के विरोध में सड़कों पर उतरे फेरीवाले, कार्यकर्ताओं को जमकर पीटा-केस दर्ज
https://youtu.be/7_fQdCa8K4c