राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'नॉर्थ कोरिया के साथ यह पहले बहुत साल पहले ही हो जाना चाहिए था. ट्रंप सरकार ने व्हाइट हाउस में मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया है.
वाशिंगटन. अमेरिका ने उत्तर कोरिया को स्पॉन्सर ऑफ टेररिज़्म वाले देशों की सूची में दोबारा शामिल किया है. जिसके बाद दोनों देशों के बीच तल्खी एक बार फिर से बढ़ सकती है. बता दें कि करीब नौ साल पहले उत्तर कोरिया का नाम इस लिस्ट से हटा दिया गया था. डोनाल्ड ट्रंप ने वाइट हाउस कैबिनेट बैठक की शुरुआत में ही उत्तर कोरिया को आतंकवाद का प्रायोजक घोषित किया. इसके साथ ही प्योंगयांग द्वारा हथियारों के निर्माण जारी रखने को लेकर उसपर नए प्रतिबंध और आर्थिक दंड लगाने की भी घोषणा की गई है. इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मंगलवार को उत्तर कोरिया पर लगने वाले अतिरिक्त प्रतिबंधों की घोषणा करेगा. ट्रंप ने यह फैसला पांच देशों के 12 दिवसीय एशिया दौरे से लौटने के बाद लिया है.
इससे पहले बीते 16 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकल्प लिया कि वो उत्तर कोरिया की विकृत तानाशाही को परमाणु ब्लैकमेल के ज़रिए दुनिया को बंधक नहीं बनाने देंगे. इसके साथ ही उन्होंने निश्चय किया कि प्योंगयांग का परमाणु निरस्त्रीकरण करने के लिए अधिकतम वैश्विक दबाव बनाएंगे. इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सभी देशों से आग्रह किया था कि वे हत्यारे उत्तर कोरियाई परमाणु शासन को न तो हथियार मुहैया कराएं, न उसको फंडिंग करें और साथ ही सभी व्यापार को रोक दें.
ट्रंप के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा कि नॉर्थ कोरिया लगातार इंटरनेशनल टेररिज्म को सपोर्ट कर रहा है. टिलरसन ने कहा कि हम दुनिया के सभी देशों से कहना चाहते हैं कि नॉर्थ कोरिया पर डिप्लोमेटिक और इकनॉमिक प्रतिबंध लगाए, जो अपने अवैध न्यूक्लिर प्रोग्राम और बेलिस्टिक मिसाइल से अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बनता जा रहा है.
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