प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देते रहे हैं. ऐसे में 9 महिलाओं की ये पहल को एक बेहतर कदम के रूप में देखा जा रहा है.
मुंबई. मुंबई में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के लिए आम लोंगो में जागरूकता लाने के उद्देश्य से 9 महिलाएं सिद्धि विनायक मंदिर से लेकर पुणे के दगडूशेठ गणपति तक दौड़ लगाएंगी. यह दौड़ मुंबई के गणपति मंदिर से शुरुवात करके बप्पा के दरबार में तीन दिनों में खत्म होगी। इन सभी महिलाओं का उम्र 37 से 68 के बीच की है और ये सभी अलग-अलग क्षेत्रों में काम करती हैं. इस दौड़ के जरिए सभी का प्रयास है की समाज में बेटी के प्रति सोच बदले, इस समूह का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को मजबूती देना है. ये दौड़ 22 नवम्बर की सुबह से शुरू होकर 24 नवम्बर को खत्म होगी।
बता दें पिछले कुछ समय से देशभर में एक तरफ जहां बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद हुआ है वहां इस तरह के आयोजन को एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है. गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में केंद्र और राज्य सरकारों ने जिस तरह बेटियों को समाज में हर तरह से उनका हक दिलाने को लेकर मुहीम चलाई है. उससे हालातों में सुधार की उम्मीद की जा रही है.
हालांकि इसके बावजूद हालिया मामले में देखा गया कि राजस्थान सरकार की एक मासिक पत्रिका में महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए घर में झाड़ू पोंछा करने और आटा चक्की चलाने की सलाह दी गई थी. बता दें कि पत्रिका के इस विवादित लेख को लेकर जमकर हंगामा मचा था. इसपर महिला संगठनों ने राज्य सरकार से सवाल किया था कि क्या सरकार महिलाओं को चूल्हे चौके के दौर में वापस भेजना चाहती है.
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