Advertisement

इंदिरा गांधी का पांचवा बड़ा फैसला जिसने बदल दिया देश

इंदिरा गांधी की 100वीं जयंति : 1974 में सिक्किम में सिक्किम नेशनल कांग्रेस ने चुनाव जीता तो इंदिरा गांधी को ये अच्छा मौका लगा, दरअसल ये पार्टी इंडिया समर्थक पार्टी थी. अप्रैल 1974 में जीतने के बाद इस पार्टी ने फौरन चोग्याल से ज्यादा अधिकारों की मांग की, जिसे चोग्याल ने दबा दिया. इससे सिक्किम नेशनल कांग्रेस ने अपनी संसद में एक एक्ट पास किया जिसमें चुनी हुई सरकार को ज्यादा अधिकार और भारत से बेहतर रिश्ते बनाने की बात थी.

Advertisement
  • November 19, 2017 10:25 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली: आजादी के बाद से ही सिक्किम की स्थिति कुछ ऐसी थी कमोवेश जैसी भूटान में आज है. वो भारत संरक्षित देश था, उसका रक्षा, विदेश मामले और कम्युनिकेशन भारत के हाथों में थे और राजा यानी चोग्याल के हाथों में वहां की आंतरिक सरकार थी, जिसका राज वो एक चुनी हुई सरकार की मदद से चलाता था. जब 1974 में सिक्किम में सिक्किम नेशनल कांग्रेस ने चुनाव जीता तो इंदिरा को ये अच्छा मौका लगा, दरअसल ये पार्टी इंडिया समर्थक पार्टी थी. अप्रैल 1974 में जीतने के बाद इस पार्टी ने फौरन चोग्याल से ज्यादा अधिकारों की मांग की, जिसे चोग्याल ने दबा दिया. इससे सिक्किम नेशनल कांग्रेस ने अपनी संसद में एक एक्ट पास किया जिसमें चुनी हुई सरकार को ज्यादा अधिकार और भारत से बेहतर रिश्ते बनाने की बात थी. 4 जुलाई को सिक्किम पार्लियामेंट ने नया संविधान लागू किया, जिसके तहत सिक्किम को भारतीय संघ का सदस्य राज्य घोषित कर दिया गया. भारत सरकार के दवाब मे चोग्याल को भी इस पर साइन करने पड़े.

4 सितम्बर को भारतीय संसद की लोकसभा में वोटिंग के जरिए सिक्किम को एसोसिएट स्टेट के तौर पर भारत में शामिल करने का प्रस्ताव पारित कर दिया, लेकिन 8 सितम्बर को इसे बाकी राज्यों की तरह ही भारतीय राज्य बना दिया गया. तो चोग्याल ने सिक्किम में आम जनता के मतदान के जरिए फैसले की मांग की. 5 मार्च 1975 को सिक्किम नेशनल कांग्रेस ने फिर भारत में विलय के प्रस्ताव पर मोहर लगाई तो चोग्याल ने फिर से रिफ्रेंडम के जरिए फैसले की मांग की. इंदिरा को लगा रिफ्रेंडम करवाया गया तो चोग्याल चुनावों में धांधली करवा सकता है, और नहीं करवाया तो इंटरनेशनल कम्युनिटी में गलत मैसेज जाएगा.

ऐसे में इंदिरा ने 9 अप्रैल को आर्मी सिक्किम में उतार दी, चोग्याल के महल पर कब्जा करके हाउस अरैस्ट कर दिया गया. 10 अप्रैल को सिक्किम की नेशनल कांग्रेस ने वोटिंग के जरिए राजशाही खत्म करने का प्रस्ताव पारित कर दिया. 14 अप्रैल को सिक्किम में रिफ्रेंडम हुआ, वोटिंग में 97.5 परसेंट लोगों ने भारत के विलय के पक्ष में वोट दिया. 26 अप्रैल 1975 को सिक्किम को भारत में विलय के लिए भारतीय संसद ने अंतिम स्वीकृति दी और 22 मई को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद सिक्किम भारत का 22वां राज्य बन गया. इंदिरा के इस फैसले को चीन, पाकिस्तान और अमेरिका ने ऐतराज किया, देश के अंदर से भी विरोध हुआ, लेकिन इंदिरा डटी रही और किसी भी नेता के खाते में इतनी बड़ी उपलब्धि आसान बात नहीं है. इंदिरा के इस कदम ने देश को भूगोल को भी बदल कर रख दिया. 1971 के युद्ध से बेनजीर भुट्टो का क्य़ा था कनेक्शन, इंदिरा को खत लिखकर मोरारजी देसाई ने खुद की तुलना क्लर्क से क्यों की? जानने के लिए वीडियो में देखें पूरी शो

इंदिरा गांधी का दूसरा बड़ा फैसला जिसने बदल दिया देश

इंदिरा गांधी की 100वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि

Tags

Advertisement