GST के नाम पर उपभोक्ताओं से ज्यादा मुनाफा वसूलने पर केंद्र सरकार कार्रवाई करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ऐंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (NAA) यानी राष्ट्रीय मुनाफाखोरी विरोधी प्राधिकरण का गठन किया गया है जो मुनाफाखोरों पर नकेल कसेगा.
नई दिल्लीः जीएसटी स्लैब में बड़े बदलाव कर 200 से अधिक वस्तुओं पर टैक्स कम करने के बाद सरकार अब यह सुनिश्चित करने में लग गई है कि इसका लाभ आम जनता तक पहुंचे. जिसके लिए सरकार ने ऐंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (NAA) यानी राष्ट्रीय मुनाफाखोरी विरोधी प्राधिकरण बनाया है. जो जीएसटी में कम किए गए स्लैब का फायदा ग्राहकों को न देने पर कारोबारियों की जांच करेगी. ग्राहक से लेकर कोई भी व्यक्ति जिसको लगता है कि उससे जीएसटी के नाम पर ज्यादा मुनाफा वसूला जा रहा है वह NAA में शिकायत कर सकता है. बता दें, कि कुछ कारोबारी जीएसटी के नाम पर ज्यादा मुनाफा वसूलते हैं जिस पर लगाम कसने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में ‘राष्ट्रीय मुनाफाखोरी विरोधी प्राधिकरण’ के गठन पर मुहर लगाई. जिसके बाद केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री (आईटी) व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि “नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी देश के उपभोक्ताओं के लिए एक भरोसा है. यदि किसी ग्राहक को ऐसा लगता है कि टैक्स में कटौती का फायदा उसे नहीं मिल रहा है तो वह अथॉरिटी के पास शिकायत कर सकता है.”
भारत सरकार में सचिव स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी जीएसटी ‘राष्ट्रीय मुनाफाखोरी विरोधी प्राधिकरण’ का प्रमुख होगा जबकि केंद्र और राज्यों से चार तकनीकी सदस्य होंगे. बता दें कि जीएसटी काउंसिल ने 215 वस्तुओं और रेस्टोरेंट सेवाओं पर जीएसटी की दरों में कटौती की थी. काउंसिल ने 178 वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की है.
उल्लंघन करने पर होगी दंडात्मक कार्रवाई
यदि कोई कंपनी या प्रतिष्ठान ग्राहक को तय GST स्लैब के अनुसार उपभोक्ता को टैक्स में कटौती नहीं करता है तो उस कंपनी या प्रतिष्ठान का रजिस्ट्रेशन रद कर दिया जाएगा. साथ ही प्राधिकरण जुर्माना भी लगाएगा.
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