एक गुजराती न्यूजपेपर ने छापा कि कैसे एक ज्योतिषी ने संजय के लिए खतरा बताया था वो सही हुआ. अब वो राजीव पर खतरा बता रहा है. इसके बाद इंदिरा दबाव बनाने लगीं कि राजीव एयरलाइंस की नौकरी छोड़ दें. राजीव इंदिरा पर ज्योतिषियों के बढ़ते प्रभाव से परेशान थे. इंदिरा ने एक बार डिनर के दौरान ये कहा भी कि ज्योतिषियों ने बिलकुल ठीक तारीख बताई संजय की मौत की, फिर भी हमने कुछ नहीं किया.
नई दिल्लीः संजय गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी के दोस्त भी उन्हें पॉलिटिक्स में लाने के लिए माहौल बना रहे थे. सोनिया एकदम इसके खिलाफ थीं. उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर राजीव ने पॉलिटिक्स ज्वॉइन की तो वो उन्हें छोड़कर वापस चली जाएंगी. लेकिन राजीव को पता था कि उनकी मां को उनकी जरूरत है. इंदिरा का मानना था कि राजीव राजनीति के लिए नहीं बने हैं. दूसरे वो सरकारी सर्विस में हैं. संजय कम में काम चलाना जानते थे, लेकिन राजीव आरामदायक जीवन जीने के आदी हैं, बिना नौकरी कैसे रह पाएंगे. मगर एक भविष्यवाणी के चलते इंदिरा ने राजीव की नौकरी छुड़वा दी.
दरअसल एक गुजराती न्यूजपेपर ने छापा कि कैसे एक ज्योतिषी ने संजय के लिए खतरा बताया था वो सही हुआ. अब वो राजीव पर खतरा बता रहा है. इसके बाद इंदिरा दबाव बनाने लगीं कि राजीव एयरलाइंस की नौकरी छोड़ दें. राजीव इंदिरा पर ज्योतिषियों के बढ़ते प्रभाव से परेशान थे. इंदिरा ने एक बार डिनर के दौरान ये कहा भी कि ज्योतिषियों ने बिलकुल ठीक तारीख बताई संजय की मौत की, फिर भी हमने कुछ नहीं किया.
इधर मेनका अपनी मां के घर नहीं गईं बल्कि गोल्फ लिंक्स में रहने लगीं. जब कांग्रेस कर्नाटक और आंध्र प्रदेश दोनों राज्यों में चुनाव हार गई तो स्टेट यूनिट ने राजीव गांधी को निशाने पर ले लिया. तो मेनका भी मैदान में उतर गईं और अपने जेठ में पॉलिटिकल लीडरशिप क्वालिटीज की कमी बताई. इससे गांधी परिवार में मेनका के प्रति चिढ़ और भी बढ़ गई. इंदिरा से अलग रहने के बावजूद मेनका कभी-कभी वरुण को पीएम हाउस में इंदिरा से मिलने के लिए भेज देती थीं.
लेकिन ऐसा क्या हुआ कि मेनका ने वरुण को इंदिरा के पास भेजना बिलकुल बंद कर दिया. जानने के लिए देखिए हमारा ये शो विष्णु शर्मा के साथ.