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मेनका गांधी के ससुराल छोड़ने की रात कैसे सास-बहू के बीच आ गए अमिताभ बच्चन!

मेनका गांधी राजनीति में आना चाहतीं थीं. इंदिरा गांधी को ऐसा लगता था कि संजय गांधी के दोस्त अकबर अहमद डम्पी मेनका की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को भड़का रहे हैं. इंदिरा को पता चला कि उनके मना करने के बावजूद मेनका लखनऊ गईं थीं. जिसके बाद इंदिरा और मेनका के बीच खूब जमकर झगड़ा हुआ. खुशवंत सिंह, पुपुल जयकर जैसे कई लोगों ने अलग-अलग तथ्यों के साथ अपनी-अपनी किताबों में इसका बयान किया है.

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Indira Gandhi
  • November 15, 2017 11:44 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः संजय गांधी की मौत के बाद मेनका गांधी राजनीति में आना चाहती थीं. संजय के दोस्त अकबर अहमद डम्पी ने संजय विचार मंच के तहत मेनका को लॉंच करने के लिए एक कार्यक्रम लखनऊ में आयोजित किया, जिसके लिए इंदिरा गांधी ने मेनका को मना कर दिया. कुछ दिनों बाद जब इंडिया फेस्टिवल के लिए कई दिन के लिए इंदिरा लंदन गईं तो खबर आईं कि सूटकेस लेकर मेनका लखनऊ रवाना हो गई हैं.

इंदिरा को लगता था कि संजय के दोस्त मेनका की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को भड़का रहे हैं. हालांकि इंदिरा के दिल्ली लौटने तक मेनका वापस आ चुकी थीं. इंदिरा ने मेनका को तमाम खरी-खोटी सुनाई. यहां तक कि अपने परिवार की प्रतिष्ठा और मेनका के परिवार की हैसियत तक दिखला दी. 28 मार्च, 1982 की उस रात की कहानी को खुशवंत सिंह, पुपुल जयकर जैसे कई लोगों ने अलग-अलग तथ्यों के साथ अपनी-अपनी किताबों में बयान किया है. इनके मुताबिक आम घरों में जैसी लड़ाई होती है, वैसा ही सब कुछ हुआ. उसी तरह की गालियां दी गईं. मेनका को गुस्से में इंदिरा ने घर से निकलने को बोल दिया और वरुण को देने से मना कर दिया.

मेनका ने फॉरेन प्रेस को फोन कर दिया. ऐसे में मेनका की बहन अम्बिका आईं, अम्बिका से भी इंदिरा की जमकर तू-तू मैं-मैं हुई. अम्बिका कह रही थीं कि ये संजय का घर है आप मेनका को गेट आउट नहीं कह सकती और इंदिरा कह रही थीं, ये देश के पीएम का हाउस है. दिलचस्प बात है कि सिक्योरिटी ऑफिसर एनके सिंह ने भी इंदिरा से उन्हें बाहर निकालने का लिखित में ऑर्डर मांग लिया. खुशवंत सिंह लिखते हैं कि इंदिरा को परेशान करने के लिए मेनका और अम्बिका ने कैसे टीवी पर अमिताभ बच्चन की एक मूवी लगा दी और टीवी की आवाज काफी तेज कर दी, जिससे इंदिरा गांधी का पारा और भी हाई हो गया.

फिर आरके धवन और राजीव गांधी ने मोर्चा संभाला. आरके धवन ने दोनों बहनों को समझाया. वो दोनों के बीच दूत की भूमिका निभाने लगे. जब तक मेनका ने ट्रंक में सारा सामान भर लिया, तभी इंदिरा ने गुस्से में मेनका के सामान की तलाशी लेने का हुक्म दिया. कुल मिलाकर बेलौस हंगामा था. घर के बाहर प्रेस वाले लोग आ चुके थे. इंदिरा ने फिर बाद में गुस्से पर काबू भी किया. उनको पता था कि ये रात फजीहत से भरी हो सकती है. उन्होंने मेनका की सारी शर्तें मान लीं घर छोड़ने से पहले वरुण को भी जाने दिया. पीएम हाउस की ही कार में मेनका, वरुण और अम्बिका को रवाना किया.

इस हंगामे भरी रात में मेनका गांधी के कुत्ते ने इंदिरा गांधी के एक करीबी को काट लिया, जानने के लिए देखिए हमारा ये शो विष्णु शर्मा के साथ.

 

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