एनआईए अदालत ने पठानकोट वायुसेना ठिकाने पर आतंकवादी हमले की साजिश रचने के आरोप में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ और दो अन्य लोगों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया.
नई दिल्ली. एनआईए अदालत ने पठानकोट वायुसेना ठिकाने पर आतंकवादी हमले की साजिश रचने के आरोप में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रऊफ और दो अन्य लोगों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया.
मोहाली की एक विशेष एनआईए कोर्ट ने वायुसेना ठिकाने पर आतंकवादी हमला करने की कथित आपराधिक साजिश रचने के लिए अजहर, उसके भाई और आतंकवादियों के सहयोगी काशिफ जान और शाहिद लतीफ के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया.
एक और दो जनवरी की दरम्यानी रात को वायुसेना ठिकाने पर प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, जिसमें सात सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गयी थी. आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच लगभग 80 घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से चार आतंकवादियों के शव बरामद किए गए थे.
एनआईए द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर विशेष अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया. अदालत के समक्ष आतंकवादियों और इस हमले में उनके सहयोगी जान और लतीफ के बीच टेलीफोन पर की गई बातचीत को भी प्रस्तुत किया गया.
इसके अलावा अजहर के भाई रऊफ का वीडियो भी अदालत में पेश किया गया. पाकिस्तान द्वारा होस्ट किए जाने वाले एक वेबसाइट पर अपलोड किए गए वीडियो में रऊफ ने हमले की जिम्मेदारी का दावा किया था और आतंकवादियों की प्रशंसा की थी. इसके बाद वीडियो को हटा दिया गया और वह वेबसाइट भी साइबर जगत में उपलब्ध नहीं है.
एनआईए पहले ही पठानकोट आतंकवादी हमले की जांच के लिए भारत आए पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल (जेआईटी) से अजहर और तीन अन्य के आवाज के नमूने की मांग कर चुका है. अब इस गैर-जमानती वारंट को इंटरपोल को भेजा जाएगा.
इस बीच एनआईए ने कहा है कि अपनी वेबसाइट पर मारे गए चारों आतंकवादियों की तस्वीर जारी करने के बाद पूरी दुनिया से अधिक जानकारियां मिल रही हैं, जिसमें कई लोग पाकिस्तान के भी शामिल हैं जो मारे गए आतंकवादियों के बारे में जानकारी साझा करने को लेकर इच्छुक हैं. चार आतंकवादियों की पहचान नासिर हुसैन (पंजाब प्रांत), अबु बकार (गुजरांवाला), उमर फारूक एवं अब्दुल कयूम (सिंध) के रूप में हुई है.