रायपुर. छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक बहुत ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां रायपुर से तीस किलोमीटर दूर गांव मोहदा में महिला सरपंच गीता को उसके ही परिवार वालों ने मार डाला. उसकी गलती केवल इतनी ही थी कि उसने अपनी मां की आखिरी इच्छा पूरी की. गीता ने 31 मार्च को समाज की रस्मों के विरुद्ध जाकर अपनी मां की चिता को आग दी. जिससे गुस्साकर गीता के बड़े भाई और भतीजे ने उसकी कुल्हाड़ी और रपली मारकर हत्या कर दी.
पुलिस ने बताया है कि गीता परिवार की अन्य महिलाओं के साथ तिजनाहवन के लिए तालाब जा रही थी. तभी भाई तेजराम कुल्हाड़ी लेकर और भतीजा पीयूष रपली लेकर अचानक वहां पहुंचे और बाजार चौक के पास गीता के सिर पर ताबड़तोड़ आधा दर्जन से अधिक वार कर दिए. गीता की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने बताया है कि आरोपियों ने अपना गुनाह कबुल कर लिया है.
गीता की 19 साल की बेटी खुशवू ने बताया कि तेजराम अपनी बूढ़ी मां को घर से निकाल चुका था. रायपुर-बिलासपुर मार्ग पर स्थित ग्राम तरपोंगी से एक किमी दूर ग्राम मोहदा में 85 साल की सुरुजबाई वर्मा को उसके बेटे तेजराम वर्मा ने पारिवारिक अनबन के कारण 22 साल पहले घर से निकाल दिया था. तब से सुरुजबाई अपनी बड़ी बेटी गीता प्रहलाद के पास रहती थी. गीता की मां की इच्छा थी कि उसकी चिता को भी गीता ही आग दे.
गीता के पति अनिरूध्द सिंह ने बताया है कि गीता का अपने भाई के साथ संपत्ति को लेकर भी कोई विवाद नहीं था. गीता ने कभी भी प्रॉपर्टी में अपने हिस्से की मांग नहीं की थी. बता दें कि तेजराम ने गीता को मारने के बाद उसकी बेटी व पति पर भी जानलेवा हमला किया था.