लखनऊ. चैत्र नवरात्र की शुक्रवार से हो गए हैं. बाजारों, घरों और मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सभी देवी मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है. नौ दिनों तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने की संभावना को देखते हुए मंदिरों में विशेष प्रबंध किए गए हैं. देवी मां की पूजा-अर्चना को लेकर लोग जहां बाजारों में खरीदारी कर रहे हैं, वहीं बाजार भी नवरात्र से जुड़े सामान से सजे हैं. लखनऊ में चंद्रिका देवी मंदिर, चौक स्थित बड़ी काली जी मंदिर, लालबाग स्थित काली बाड़ी सहित अन्य देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ जुटने की संभावना के मद्देनजर पूरी तैयारियां की गई हैं.
इसके साथ ही देवी मां का विशेष श्रृंगार भी किया गया है. इस बार यह पर्व नौ दिनों तक चलेगा, जिसमें आदि शक्ति दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी. आठ अप्रैल को चैत्र नवरात्र की शुरुआत कलश-स्थापना से होगी. देवी आराधना के इस पर्व का समापन 16 अप्रैल को होगा. नवरात्र की नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्मदिवस ‘रामनवमी’ पर्व भी मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल यह तिथि 15 अप्रैल को पड़ रही है.
कलश स्थापना विधि
सबसे पहले कलश सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का होना चाहिए. कलश के ऊपर रोली से ॐ और स्वास्तिक लिखें. पूजा आरंभ के समय ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः कहते हुए अपने ऊपर जल छिड़कें. अपने पूजा स्थल से दक्षिण और पूर्व के कोने में घी का दीपक जलाते हुए, ॐ दीपो ज्योतिः परब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः. दीपो हरतु में पापं पूजा दीप नमोस्तु ते. मंत्र का जाप करते हुए दीप प्रज्जवलित करें. मां दुर्गा की मूर्ति के बाईं तरफ भगवान गणेश की मूर्ति रखें. पूजा स्थल के उत्तर.पूर्व भाग में पृथ्वी पर सात प्रकार के अनाज, नदी की रेत और जौ को ॐ भूम्यै नमः कहते हुए डालें. इसके बाद हल्दी, चंदन, रोली चढ़ाकर माता का ध्यान करते हुए पूजन करें। कलश में कलावा बांधना चाहिए.
किस दिन किनकी पूजा :
प्रथम नवरात्र : 8 अप्रैल (शुक्रवार) घट-स्थापना के साथ नवरात्र आरंभ, शैलपुत्री पूजा
द्वितीय नवरात्र : 9 अप्रैल (शनिवार)- ब्रह्मचारिणी पूजा, चंद्रघंटा पूजा
तृतीय नवरात्रि : 10 अप्रैल (रविवार)- कुष्मांडा पूजा
चतुर्थ नवरात्रि : 11 अप्रैल (सोमवार)- स्कंदमाता पूजा
पंचम नवरात्र : 12 अप्रैल (मंगलवार)- कात्यायनी पूजा
षष्ठ नवरात्र : 13 अप्रैल (बुधवार)- कालरात्रि पूजा
सप्तम नवरात्रि : 14 अप्रैल (गुरुवार)- महागौरी पूजा, सरस्वती पूजा
महाष्टमी नवरात्र : 15 अप्रैल (शुक्रवार)- राम नवमी
नवम नवरात्र : 16 अप्रैल (शनिवार)- नवरात्र पारना.
घट-स्थापना का शुभ मुहूर्त :
कलश स्थापना के संग आठ अप्रैल को पहला व्रत होगा. रामनवमी 15 अप्रैल को होगी. कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त 11:30 से 12:28 बजे रहेगा. सुबह से लेकर अपराह्न् 1:26 बजे तक कलश स्थापना की जा सकेगी.