छोटे आभूषण व्यापारियों का गला घोंट रही है मोदी सरकार: राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी उत्पाद शुल्क में वृद्धि के खिलाफ चल रहे आभूषण व्यापारियों के आन्दोलन में बुधवार को शामिल हुए. राहुल ने जंतर मंतर पर कहा कि सरकार का यह प्रस्ताव छोटे आभूषण व्यापारियों को खत्म करने वाला है. गांधी ने कहा, "हम यहां आपके साथ खड़े होने आए हैं. मैं यहां भाषण देने नहीं आया हूं. मैं आपके दर्द को महसूस कर सकता हूं.

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छोटे आभूषण व्यापारियों का गला घोंट रही है मोदी सरकार: राहुल गांधी

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  • April 6, 2016 1:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी उत्पाद शुल्क में वृद्धि के खिलाफ चल रहे आभूषण व्यापारियों के आन्दोलन में बुधवार को शामिल हुए. राहुल ने जंतर मंतर पर कहा कि सरकार का यह प्रस्ताव छोटे आभूषण व्यापारियों को खत्म करने वाला है. गांधी ने कहा, “हम यहां आपके साथ खड़े होने आए हैं. मैं यहां भाषण देने नहीं आया हूं. मैं आपके दर्द को महसूस कर सकता हूं. मैं आपके साथ खड़ा हूं. यह आपकी लड़ाई नहीं है. यह हमारी भी लड़ाई है. मैं और कांग्रेस पार्टी आपके साथ है.” 
 
सरकार द्वारा बजट में चांदी को छोड़कर अन्य आभूषणों पर एक फीसदी उत्पाद शुल्क लगाने के बाद से ही आभूषण कारोबारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पिछले एक महीने से जारी है. इसके साथ ही दो लाख से अधिक के आभूषणों की खरीद-बिक्री पर पैन कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है. कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह केवल कुछ बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाएगा, न कि देश के आम आदमी को. गांधी ने कहा, “मेक इन इंडिया का विचार छोटे व्यापारियों को उत्पाद शुल्क लगाकर कुचलना है. यह उत्पाद शुल्क नहीं है, बल्कि यह छोटे व्यापारियों को कुचलने की कोशिश है. यह केवल कुछ बड़े उद्योगपतियों को ही फायदा पहुंचाएगा.”
 
राहुल ने मेक इन इंडिया कैम्पेन के लोगो की भी आलोचना की. राहुल ने कहा कि मैं मोदी जी से पूछना चाहता हूं, ये मेक इन इंडिया का लोगो बब्बर शेर क्यों है, चरखा क्यों नहीं? राहुल ने कहा कि दरअसल, इस बब्बर शेर के पीछे 5-10 बड़े बिजनेसमैन की ताकत है. मेक इन इंडिया छोटे कारोबारियों के लिए नहीं है, एक्साइज ड्यूटी के जरिए सरकार छोटे कारोबारियों का गला पकड़ना चाहती है.” राहुल ने कहा, “चरखा गांधी जी का मेक इन इंडिया का आइडिया था. लेकिन मोदी जी ने बब्बर शेर चुना क्योंकि यह कुछ ताकतवर इंडस्ट्रियलिस्ट्स के लिए काम करेगा गरीबों के लिए नहीं.” उन्होंने सर्राफा कारोबारियों से कहा, मैं यहां आपके बीच सिर्फ स्पीच देने नहीं आया हूं, ये आपकी लड़ाई नहीं अब मेरी लड़ाई है और इसे हम सब मिलकर लड़ेंगे.
 

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